कर्नाटक सरकार (Karnataka Government) ने बुधवार (21 फरवरी) को हिंदू धार्मिक संस्थान (Hindu Religious Institutions) और धर्मार्थ बंदोबस्ती विधेयक (Charitable Endowment Bill) पारित कर दिया। इस बिल के तहत राज्य (State) के जिन मंदिरों (Temples) की आय 1 करोड़ रुपये से अधिक है, उनसे सरकार आय का 10 प्रतिशत (Percentage) हिस्सा वसूल करेगी।
इस बिल को लेकर भाजपा (BJP) ने कर्नाटक सरकार को सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया है। भाजपा ने राज्य सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार ‘हिंदू विरोधी नीतियों’ (Anti-Hindu Policies) में लगी हुई है और इसके चलते फंड का दुरुपयोग होना तय है।
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ರಾಜ್ಯದಲ್ಲಿ ಸರಣೀ ರೂಪದಲ್ಲಿ ಹಿಂದೂ ವಿರೋಧಿ ಧೋರಣೆ ಅನುಸರಿಸುತ್ತಿರುವ ಕಾಂಗ್ರೆಸ್ ಸರ್ಕಾರ ಇದೀಗ ತನ್ನ ಬರಿದಾಗಿರುವ ಬೊಕ್ಕಸ ತುಂಬಿಸಿಕೊಳ್ಳಲು ಹಿಂದೂ ದೇವಾಲಯಗಳ ಆದಾಯದ ಮೇಲೂ ವಕ್ರ ದೃಷ್ಟಿ ಬೀರಿ ಹಿಂದೂ ಧಾರ್ಮಿಕ ಸಂಸ್ಥೆಗಳ ಮತ್ತು ಧರ್ಮಾದಾಯ ದತ್ತಿಗಳ ವಿಧೇಯಕವನ್ನು ಮಂಡಿಸಿ ಅಂಗೀಕಾರ ಪಡೆದು ಕೊಂಡಿದೆ.
ಇದರ ಅನುಸಾರ ಇನ್ನು ಮುಂದೆ 1… pic.twitter.com/UwcN7yjjss
— Vijayendra Yediyurappa (@BYVijayendra) February 21, 2024
‘केवल हिंदू मंदिरों से ही वसूली क्यों’
सरकार के इस फैसले पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विजयेंद्र येदियुरप्पा ने कहा कि सरकार इस बिल के जरिए अपना खाली खजाना भरने की कोशिश कर रही है। उन्होंने सरकार से सवाल किया कि सरकार सिर्फ हिंदू मंदिरों से ही राजस्व क्यों वसूल रही है, अन्य धार्मिक संरचनाओं से क्यों नहीं।
विजयेंद्र येदियुरप्पा ने आगे लिखा कि करोड़ों श्रद्धालुओं के मन में एक ही सवाल है कि केवल हिंदू मंदिरों को ही निशाना क्यों बनाया गया, अन्य धार्मिक स्थलों के राजस्व को क्यों नहीं।
सिद्धारमैया सरकार हिंदू विरोधी: भाजपा
भाजपा ने कर्नाटक की सिद्धारमैया सरकार को ‘हिंदू विरोधी’ बताया है। मंदिरों पर 10 फीसदी टैक्स को लेकर भाजपा ने कर्नाटक सरकार की आलोचना की है। दरअसल, सिद्धारमैया सरकार ने बुधवार को ‘कर्नाटक हिंदू धार्मिक संस्थान और धर्मार्थ बंदोबस्ती विधेयक 2024’ पारित कर दिया। बिल पास होने के बाद भाजपा ने कर्नाटक की कांग्रेस सरकार को ‘हिंदू विरोधी’ बताया।
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