महाराष्ट्र में क्यों आएंगे टिकैत?… जानने के लिए पढ़ें ये खबर

किसान आंदोलन का नेतृत्व कर रहे भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत अब महाराष्ट्र में जनसभा को संबोधित करने आनेवाले हैं।

90

केंद्र सरकार को टेंशन दे रहे आंदोलनकारी किसान अब महाराष्ट्र सरकार की भी टेंशन बढ़ानेवाले हैं। किसान आंदोलन का नेतृत्व कर रहे भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत अब महाराष्ट्र में जनसभा को संबोधित करने आनेवाले हैं। वे यवतमाल में जनसभा को संबोधित करेंगे। बताया जा रहा है कि ऐसा निर्णय उन्होंने इसलिए लिया है, क्योंकि देश में सबसे ज्यादा यहां के किसान ही आत्महत्या करते हैं।

बता दें कि दिल्ली की सीमाओं गाजीपुर, सिंघुर और गाजियाबाद में पिछले करीब 78 दिनों से किसान केंद्र सरकार के तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। आरोप लगाया जा रहा है कि यह पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के किसानो का आंदोलन है। इससे नाराज राकेश टिकैत समेत अन्य नेताओं ने महाराष्ट्र के यवतमाल में 20 फरवरी को जनसभा करने का ऐलान किया है।

ये भी पढ़ेंः महाराष्ट्रः किसान ने लिखा, ‘मेरी अंत्येष्टि में शामिल होने जरुर आना!’

महाराष्ट्र में भी तेज होगा किसान आंदोलन
इस सभा में टिकैत केंद्र के कृषि कानूनों से किसानो को भविष्य में होनेवाले नुकसान के बारे में जानकारी देने के साथ ही उन्हें आंदोलन में शामिल होने का भी आह्वान करेंगे। कहा जा रहा है कि उनकी इस जनसभा से दिल्ली की सीमाओं तक सिमटा किसान आंदोलन महाराष्ट्र में भी तेज हो जाएगा।

अन्य राज्यों में भी जाएंगे टिकैत
बता दें कि राकेश टिकैत महाराष्ट्र के बाद देश के अन्य राज्यों में भी किसानों के समर्थन मांगने के लिए जाने का ऐलान किया है। उन्होंने केंद्र सरकार को अक्टूबर 2021 तक का अल्टीमेटम दिया है। इस बीच वे देश भर में जन-जागरण करेंगे।

महाराष्ट्र सरकार का किसान आंदोलन को समर्थन
बता दें कि महाराष्ट्र की महाविकास आघाड़ी सरकार ने किसान आंदोलन का समर्थन किया है और केंद्र के कृषि कानूनों को किसानों के हितों के खिलाफ बताया है। दूसरी तरफ केंद्र सरकार बार-बार यह कह रही है कि कृषि कानून किसानों के हितों के खिलाफ नहीं, बल्कि उनके हित में हैं।

ये भी पढ़ेंः महाराष्ट्र : किसने किया राज्यपाल का विमान पंचर?

बता दें कि यवतमाल महाराष्ट्र के विदर्भ का वह हिस्सा है, जहां सबसे ज्यादा किसान आत्महत्या करते हैं। वैसे अगर देखें तो देश भर में महाराष्ट्र किसानों की आत्महत्या के मामले में नंबर वन है। पिछले कई वर्षों से ये उपलब्धि महाराष्ट्र के नाम है, फिर भी यहां की वर्तमान सरकार कृषि कानूनों में खामियां बताकर उन्हें वापस लेने की मांग कर रही है। लेकिन कोई ऐसा कानून या योजना लागू करने के बारे में बात नहीं करती, जिससे राज्य में किसानों की आत्महत्या थम जाए।
बता दें कि किसान संगठनों ने 18 फरवरी को देश भर मे रेल रोको आंदोलन करने का ऐलान किया है।

Join Our WhatsApp Community
Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.