BSF और भारतीय सेना में क्या है फर्क?
जानिए युद्ध के वक्त कौन लेता है दुश्मन से सीधा सामना!
BSF की स्थापना 1965 की जंग के बाद हुई थी,
बॉर्डर की सुरक्षा BSF की प्राथमिक जिम्मेदारी है।
BSF पाकिस्तान और बांग्लादेश की सीमाओं की रखवाली करती है,
और नक्सल विरोधी अभियानों में भी शामिल रहती है।
BSF के पास है एयर विंग, मरीन विंग और आर्टिलरी रेजिमेंट भी,
जो इसे एक शक्तिशाली CAPF बनाता है।
भारतीय सेना युद्ध की स्थिति में मोर्चा संभालती है,
सीमा पार जाकर भी ऑपरेशन को अंजाम देती है।
सेना के जवान दुश्मन से सीधी लड़ाई के लिए तैनात रहते हैं,
जबकि BSF सीमा के भीतर निगरानी करती है।
BSF गृह मंत्रालय के तहत काम करती है,
जबकि सेना रक्षा मंत्रालय के अधीन आती है।
सीमा सुरक्षा BSF करती है,
लेकिन जंग का जवाब
भारतीय सेना
देती है!