कैसे इंदिरा गांधी कच्चाथीवू द्वीप श्रीलंका को सौंप गईं, जानिए पूरा घटनाक्रम :

कच्चाथीवू द्वीप हिंद महासागर में भारत के तमिलनाडु और श्रीलंका के बीच में स्तिथ है। 285 एकड़ में बसा ये द्वीप 17वीं सदी में मदुरै के राजा रामनाथ के अधीन था।

चलिए जानते है कच्चाथीवू द्वीप का घटनाक्रम :

1902 - इस वर्ष से भी पूर्व इस द्वीप पर रामनाथ या रामनाथपुरम साम्राज्य का शासन था

अंग्रेजों ने इस द्वीप को कब्जे में लेकर इसे पट्टे पर रामनाथपुरम साम्राज्य को सौप दिया था

1902

1913

द्वीप को लेकर भारत सरकार के सचिव और रामनाथपुरम के राजा के बीच एक और समझौता हुआ था 

1974

इंदिरा गाँधी ने तब श्रीलंका की राष्ट्रपति श्रीमावो भंडारनायके के साथ समझौता कर ये द्वीप को तोहफे के नाम पर सौप दिया था

1991

तमिलनाडु विधानसभा ने एक प्रस्ताव पारित कर केंद्र से इस द्वीप को वापिस मलने की मांग की

2008

तमिलनाडु के तत्कालीन सीएम जयललिता ने सुप्रीम कोर्ट में कच्चाथीवू द्वीप समझौता रद्द करने की मांग की

2023

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखकर इस द्वीप को वापिस लेने की मांग की है