Delhi: कैलाश गहलोत ने झाड़ू छोड़ थामा कमल, भारतीय जनता पार्टी ने किया यह दावा

कैलाश गहलोत ने आम आदमी पार्टी छोड़ने को लेकर कहा कि कुछ लोगों को लगता है कि मैंने ये निर्णय दबाव में या अचानक लिया है। मैं लम्बे समय से इस विषय में विचार कर रहा था। मैंने यह कदम किसी के भी दबाव में नहीं उठाया है।

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Delhi:आम आदमी पार्टी(Aam Aadmi Party)  और दिल्ली सरकार(Delhi Government) के मंत्री पद से इस्तीफा देने वाले नजफगढ़ से विधायक कैलाश गहलोत(Najafgarh MLA Kailash Gehlot) 18 नवंबर को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गए। उन्होंने पार्टी मुख्यालय(BJP Party Headquarters) में केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर, महासचिव दुष्यन्त गौतम(Union Minister Manohar Lal Khattar, General Secretary Dushyant Gautam) की मौजूदगी में भाजपा की सदस्यता ग्रहण(Accepts BJP membership) की। कैलाश गहलोत ने 17 नवंबर को ही आआपा की प्राथमिक सदस्यता और मंत्री पद से इस्तीफा(Primary membership of AAP and resignation from ministerial post) दिया था।

दिल्ली की राजनीति में यह टर्निंग प्वाइंट
कैलाश गहलोत का पार्टी में स्वागत करते हुए मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि दिल्ली की राजनीति में यह टर्निंग प्वाइंट है। कैलाश गहलोत ने आम आदमी पार्टी की नकारात्मक राजनीति से तंग आकर मोदी सरकार की सकारात्मक और विकासात्मक को अपनाया है । इस कदम का निश्चित रूप से दिल्ली के चुनाव में इसका प्रभाव पड़ेगा।

दिल्ली की भलाई की बात
इस मौके पर कैलाश गहलोत ने कहा कि कोई सरकार छोटी से छोटी बात पर अगर लड़ाई के लिए वक्त लगाए तो दिल्ली वालों के लिए काम नहीं हो सकता। दिल्ली का अगर विकास हो सकता है तो भाजपा की केंद्र सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर हो सकता है। मैंने दिल्ली की भलाई के लिए यह निर्णय लिया है। पार्टी में मुझे जो भी जिम्मेदारी दी जाएगी, वह मैं ईमानदारी से निभाऊंगा।

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निर्णय लेना नहीं था आसान
कैलाश गहलोत ने कहा कि उनके लिए आम आदमी पार्टी छोड़कर भाजपा से जुड़ना आसान कदम नहीं था। हम सब अन्ना आंदोलन से जुड़े और फिर मिलकर काम किया। कुछ लोगों को लगता है कि मैंने ये निर्णय दबाव में या अचानक लिया है। मैं लम्बे समय से इस विषय में विचार कर रहा था। मैंने यह कदम किसी के भी दबाव में नहीं उठाया है। सीबीआई और ईडी के दबाव की बात एक राजनीतिक शिगूफा है। दरअसल आम आदमी पार्टी से जुड़कर राजनीति में जिन मूल्यों की बात हमने की थी, पार्टी उससे बहुत दूर होती जा रही है। हमने दिल्ली वालों की सेवा का जो सपना देखा था, वह पूरी तरह से टूट चुका है। ऐसे में उसमें बने रहना मेरे लिए संभव नहीं था।

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