दिलों में हैं तो, विधान सभा में वीर सावरकर कब?

महाराष्ट्र के पुत्र, भारतीय स्वतंत्रता क्रांति के प्रणेता और समाज सुधारक स्वातंत्र्यवीर सावरकर के गृहराज्य की विधान सभा में उनकी प्रतिमा या मूर्ति नहीं है। क्रांति प्रणेता वीर सावरकर का नाम लालकिले की प्राचीर से प्रधानमंत्री लेते हैं और महाराष्ट्र की हिंदुत्ववादी सरकार उनके राष्ट्र कार्यों से प्रेरणा की बात करती है। ऐसी स्थिति में यह बड़ा प्रश्न है कि, हिंदूत्व का वोट लेनेवाली दो पूर्णकालिक सरकारें रहीं हैं और वर्तमान सरकार भी है, लेकिन किसी को भी यह ध्यान नहीं है। इसे वरिष्ठ पत्रकार, राजनीतिक विश्लेषक और प्रखर राष्ट्रीवादी पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ ने उठाया है।

पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ
वरिष्ठ पत्रकार, प्रखर राष्ट्रवादी

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