Rajnath Singh : रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने कहा कि सरकार ने 2029 तक रक्षा उत्पादन (Defence Production) के लिए 3 लाख करोड़ रुपये का लक्ष्य रखा है। उत्तराखंड (Uttarakhand) के देहरादून में ‘राष्ट्रीय सुरक्षा और आतंकवाद’ विषय पर आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए, राजनाथ सिंह ने कहा कि उस समय तक इस क्षेत्र में देश का निर्यात 50,000 करोड़ रुपये तक पहुंच जाएगा।
यह भी पढ़ें: Raja Raghuvanshi murder case: राजा रघुवंशी हत्याकांड में आरोपियों ने कबूला अपना जुर्म, सोनम के सामने ऐसे की हत्या
रक्षा मंत्री ने रेखांकित किया कि वार्षिक रक्षा उत्पादन, जो 2014 में लगभग 40,000 करोड़ रुपये था, आज 1.30 लाख करोड़ रुपये के रिकॉर्ड आंकड़े को पार कर गया है। उन्होंने आगे कहा कि सरकार ने इस वर्ष तक 1.75 लाख करोड़ रुपये के रक्षा उत्पादन का लक्ष्य रखा है।
Operation Sindoor reflects India’s transformed security mindset under Prime Minister Shri @narendramodi. Raksha Mantri Shri @rajnathsingh says India is the Mother of Democracy, Pakistan the Father of Terrorism. With Rs 1.75L Cr defence production & Rs30,000 Cr exports targets,… pic.twitter.com/n7UKjKdaOQ
— Ministry of Defence, Government of India (@SpokespersonMoD) June 10, 2025
मंत्री ने कहा कि वित्त वर्ष 2024-25 में रक्षा निर्यात 23,622 करोड़ रुपये तक बढ़ गया है और भारत में निर्मित रक्षा उत्पादों का निर्यात लगभग 100 देशों में किया जा रहा है।
आतंकवाद से निपटने और राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करने के लिए सरकार द्वारा अपनाई गई रणनीति पर प्रकाश डालते हुए, श्री सिंह ने कहा कि रक्षा क्षेत्र आत्मनिर्भर भारत के सबसे मजबूत स्तंभों में से एक के रूप में उभरा है और ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) के दौरान इस्तेमाल किए गए हथियार और प्लेटफॉर्म भारत में बने थे। उन्होंने यह भी कहा कि आज भारत न केवल अपनी सीमाओं की रक्षा कर रहा है, बल्कि एक ऐसी प्रणाली भी बना रहा है जो हमें सामरिक, आर्थिक और तकनीकी रूप से मजबूत बना रही है।
रक्षा मंत्री ने कहा कि पहले भारत पूरी तरह विदेशी रक्षा उपकरणों पर निर्भर था, लेकिन आज भारत रक्षा क्षेत्र में तेजी से आत्मनिर्भर बन रहा है। रक्षा क्षमताओं के बारे में बात करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि भारतीय सशस्त्र बल देश में निर्मित अत्याधुनिक हथियारों, मिसाइलों, टैंकों और प्लेटफार्मों का उपयोग करते हैं। उन्होंने कहा कि अग्नि, पृथ्वी और ब्रह्मोस जैसी स्वदेशी मिसाइलें दुश्मन को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए तैयार हैं।
यह भी देखें:
Join Our WhatsApp Community