जब राऊत से नहीं मिले अमित शाह… बार-बार तीन बार

केंद्र और राज्य सरकार में अनबन चरम पर है। छोटे भाई भाजपा और बड़े भाई शिवसेना में ऐसी दरार पड़ी गई है कि, दोनों ही एक दूसरे पर आरोप लगाने का कोई अवसर नहीं चूक रहे हैं। इस बीच शिवसेना के प्रमुख प्रवक्ता संजय राऊत केंद्रीय एजेंसी के निशाने पर हैं।

81

दिल्ली के राजनीतिक गलियारे में इस समय चर्चा आम है कि केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने शिवसेना सांसद संजय राऊत से मिलने से क्यों मना कर दिया? संजय राऊत ने एक बार नहीं तीन बार गृहमंत्री अमित शाह से मिलने की अर्जी लगाई थी, लेकिन उनको बैंरग होकर लौटना पड़ा।

राज्यसभा में शिवसेना सांसद संजय राऊत ने आंखों में आंख डालकर प्रश्नों का उत्तर देने के लिए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को आह्वान किया था। जिसका उत्तर कई गुना दमदार तरीके से अमित शाह ने उन्हें दिया। ईडी की पीड़ा से ग्रसित संजय राऊत का वह गुस्सा क्या था? इसकी तह में जब जानकरी प्राप्त करने का प्रयत्न किया गया तो, पता चला कि दिल्ली के सत्ता गलियारे में चर्चा है कि, संजय राऊत केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मिलने के लिए तीन बार प्रबल प्रयत्न कर चुके हैं परंतु, भेंट नहीं हुई।

यह भी देखें – शाह ने कराई राऊत की बोलती बंद

शाह के दर से बैरंग लौटे
सूत्रों के अनुसार संजय राऊत ने केन्द्रीय गृहमंत्री से मिलने का जब पहला प्रयत्न किया, तो उन्हें समय ही नहीं दिया जा रहा था। जिसके बाद एक समारोह में उन्होंने घेरा बंदी की, जिसमें अमित शाह आनेवाले थे। परंतु, सफलता नहीं मिली पाई। दूसरी और तीसरी सफलता में तो पैंतालिस मिनट प्रतीक्षा करके संजय राऊत को बिना मिले लौटना पड़ा।

केंद्रीय एजेंसियों की चल रही जांच
पिछले सप्ताह प्रवर्तन निदेशालय ने 1,034 करोड़ रूपए के पतरा चाल भूमि घोटाला प्रकरण में शिवसेना के नेता संजय राऊत की संपत्ति अटैच कर ली है। इसमें अलीबाग के आठ प्लॉट और मुंबई के फ्लैट का समावेश है।

क्या बंद कमरे का वह दावा पड़ रहा भारी?
2019 के विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी और शिवसेना ने साथ लड़ा था। इस चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को 105 सीटें मिली थी, जबकि सहयोगी शिवसेना को 56 सीट पर जीत प्राप्त हुई थी। परंतु, मुख्यमंत्री के पद को लेकर दोनों पक्षों में लगभग दो महीने माथापच्ची हुई, जिसका परिणाम ये हुआ कि, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस को मिली सीटों को मिलाकर सत्ता स्थापन संभव होता देख, शिवसेना ने सत्ता गठन कर लिया। इसके बाद शिवसेना की ओर से कहा गया कि, पक्षप्रमुख उद्धव ठाकरे के निवास मातोश्री में केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह से बंद कमरे में बातचीत हुई थी। जिसमें अमित शाह ने वचन दिया था, शिवसेना को मुख्यमंत्री पद देने का। परंतु, चुनाव परिणाम देखकर वे पलट गए हैं।

Join Our WhatsApp Community
Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.