बोले मोदी, सुन रही थी दुनिया… आतंकवाद, अफगानिस्तान के साथ संयुक्त राष्ट्र की प्रासंगिकता पर दिया बल

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र संघ की 76वीं सर्व साधारण सभा को संबोधित किया। उन्होंने कोविड-19 वैक्सीन, जलवायु परिवर्तन, रिनिवेबल एनर्जी के साथ आतंकवाद, अफगानिस्तान का जिक्र किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत लोकतंत्र की जननी है। जब भारत विकास करता है तो विश्व बढ़ता है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने नपेतुले अंदाज में संयुक्त राष्ट्र महासभा की साधारण सभा को संबोधित किया। उन्होंने विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत की उलब्धियां, उसके विकास के कार्यों से विश्व को अवगत कराया। इसके अलावा जलवायु परिवर्तन, रिनिवेबल एनर्जी, आतंकवाद, अफगानिस्तान का मुद्दा भी उठाया।

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विज्ञान आधारित सोच प्रगति का आधार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमें आनेवाली पीढ़ियों को उत्तर देना होगा कि जब निर्णय लेने का समय था और जिन पर विश्व को दिशा देने का दायित्व वो क्या कर रहे थे। विश्व के समक्ष प्रतिगामी सोच और चरमपंथ का खतरा चल रहा था। ऐसी परिस्थिति में विश्व को विज्ञान आधारित, तर्कसंगत और प्रगतिशील सोच को विकास का आधार बनाना होगा।

चीन-पाकिस्तान पर निशाना
आतंकवाद का पॉलिटिकल टूल के रूप में उपयोग करनेवाले ध्यान में रखें कि आतंकवाद उनके लिए भी उतना ही बड़ा खतरा है। प्रधानमंत्री ने पाकिस्तान का नाम नहीं लिया परंतु, इशारों-इशारों में सबकुछ कह दिया। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान की धरती का उपयोग आतंकवाद फैलाने के लिए नहीं होना चाहिए। वहां की नाजुक स्थिति का कोई देश अपने स्वार्थ के लिए और हथियार के रूप में उपयोग न कर पाए। अफगानिस्तान की जनता, महिलाएं, बच्चे और अल्पसंख्यकों को सहायता चाहिए, ऐसे में हमें अपना दायित्व निभाना होगा।

संयुक्त राष्ट्र को प्रासंगिकता बनाकर रखनी होगी
संयुक्त राष्ट्र को यदि अपनी प्रासंगिकता बनाकर रखनी है तो उसे प्रभावशाली बदलाव करना होगा। अपनी विश्वसनीयता बनाकर रखनी होगी।

विस्तारवादियों पर प्रहार
समुद्र हमारी साझा विरासत हैं। इसलिए हमें ये ध्यान रखना पड़ेगा कि हम समुद्री संसाधन का उपयोग करें दुरुपयोग नहीं। समंदर अंतरराष्ट्रीय व्यापार की जीवन रेखा है, इसे हमें विस्तारवादी दौड़ से बचाकर रखना होगा। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की अध्यक्षता के दौरान बनी वैश्विक सहमति, मैरिटाइम सिक्योरिटी की दिशा में आगे बढ़ने का मार्ग दर्शाती है।

भारत की प्रगति, विश्व की विकास
विश्व में हर छठा व्यक्ति भारतीय है। भारत जब प्रगति करता है तो वैश्विक बढ़ोतरी होती है। जब भारत बढ़ता है, विश्व बढ़ता है। जब भारत रिफॉर्म होता है तो विश्व ट्रांसफोर्म होता है।

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