उत्तर प्रदेश के चुनाव की तैयारियां शुरू हो गई हैं। सरकार अपने दामन को स्वच्छ रखने के लिए प्रयत्नशील है लेकिन विदेशी फंड और सेक्युलरवाद की डफली बजानेवाले लोग बेदाग को दागदार बताने में जुटे हुए हैं। इसी कड़ी में एक साक्ष्य सामने आया है उत्तर प्रदेश के लोनी में अब्दुल समद नामक वृद्ध की पिटाई का, जिसमें तथाकथित सेकुलरवादी और पत्रकारों ने सोशल मीडिया, समाचार माध्यमों में सरकार और हिंदुओं के विरुद्ध मोर्चा खोल दिया। परंतु, जब सच सामने आया तो समाज में विद्वेश फैलाने का षड्यंत्र मिला।
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थाना लोनी बार्डर क्षेत्रान्तर्गत हुई घटना में #GhaziabadPolice द्वारा की गई कठोर कार्यवाही- 03 अभियुक्त गिरफ्तार ।
उक्त सम्बन्ध में पुलिस अधीक्षक, ग्रामीण की वीडियो बाईट।@Uppolice https://t.co/IIcMJIvn46 pic.twitter.com/ZGHGQIpXsh— POLICE COMMISSIONERATE GHAZIABAD (@ghaziabadpolice) June 15, 2021
यूपी की राजनीति अमेरिका में योजना
जिन्हें अपने देश की नागरिकता का सम्मान न हो ऐसे भारतीय मूल के विदेशी नागरिक अब भारत के किसान, यहां के सामाजिक सौहार्द, और शांति की चिंता कर रहे हैं। ये कैसे रणनीति के अंतर्गत चल रहा है इसे समझना आवश्यक है
आईएएमसी – इंडियन अमेरिकन मुस्लिम काउंसिल नामक संस्था वाशिंग्टन डीसी में पंजीकृत गैर सरकारी संगठन है। इसकी वेबसाइट न्यूयार्क टाइम्स, अल-जजीरा आदि की रिपोर्ट और भारत की वर्तमान सत्ता के विरुद्ध षड्यंत्रकारी विद्रोह के विचारों से भरी पड़ी है।
भारत के लोकतंत्र और सरकार पर हमला करनेवाले लोगों को अमेरिकी सोशल मीडिया कंपनी ट्वीटर से भारत की अपेक्षा अधिक प्रेम है। इस कंपनी पर देश के कानून को न मानने और विद्वेश फैलाने की साजिश पर छोटी सी कार्रवाई पर ये बताते हैं कि सिलिकॉन वैली का विश्वास ही उठ गया, जबकि देश में विदेशी निवेश के आंकड़े और आत्मनिर्भर भारत की औद्योगिक प्रगति इनकी आंखों को नहीं दिखती।
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यह संगठन लिखता है हमने अमेरिकी सरकार से भारत के प्रशासनिक और सरकारी अधिकारियों के अमेरिका में प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है जिनके कारण धार्मिक स्वतंत्रता पर आघात हुआ है।
“We have recommended targeted sanctions on Indian government agencies and officials responsible for severe violations of religious freedom by freezing their assets and/ or barring their entry into the United States” – @nialakhalil of @USCIRF #CongressionalBriefing
— Indian American Muslim Council (@IAMCouncil) June 16, 2021
टाइम डॉट कॉम – अमेरिकी समाचार समूह टाइम को भी लोनी के अब्दुल समद की घटना टीसती है। उसके अपने देश में जॉर्ड फ्लॉयड को सरेआम गला घोंटकर मारा जाता है, नृशंस हत्यारे सार्वजनिक ठिकानों पर गोली चलाकर प्रतिवर्ष दर्जनों लोगों की हत्या कर देते हैं, व्हाइट हाउस में सेना बुलानी पड़ती है और राष्ट्रपति को तहखाने में छुपना पड़ता है तब वहां लोकतंत्र खतरे में नहीं दिखता। लेकिन लोनी में अंधश्रद्धा के नाम पर पैसे ऐंठनेवाले अब्दुल समद के पिटते वीडियो पर झूठी खबर प्रसारित करनेवालों के प्रति बड़ी संवेदना दिखती है। भारत का ‘लॉ ऑफ लैंड’ न माननेवाले ट्वीटर पर की गई कार्रवाई से इनके तोकतंत्र का गला घुटने लगता है। इसके और भी कई उदाहरण हैं जो भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विरुद्ध हैं।
‘टाइम’ गलत हुआ
- 2019 में शाहीन बाग में हुए आंदोलन को इसने खूब हवा दी। जबकि, पाकिस्तान, अफगानिस्तान आदि देशों में रहनेवाले अल्पसंख्यकों को एक सुरक्षित देश की नागरिकता देना का उद्देश्य कोई मायने नहीं रखता। भारत सरकार के विरोध की इस हवा में टाइम मैगजीन ने बिलकिस बानो को खूब प्रसिद्धी दे दी।
- 2019 के लोकसभा चुनावों के दौरान टाइम मैगजीन का कवर पेज नरेंद्र मोदी के विषय में लिखता है।
‘India’s Divider in Chief’ यानी भारत का बांटनेवाला प्रमुख - 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार की पहले वर्षगांठ पर कवर पेज पर छापा गया था…
Why Modi Matters… Can He Deliver?
मोदी क्यों महत्वपूर्ण हैं? वे अच्छा कार्य कर पाएंगे? - 2012 में नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे। उस समय टाइम मैगजीन ने लिखा था।
Modi Means Business यानी मोदी का मतलब व्यापार
उसके नीचे लिखा गया But Can He Lead India? यानी क्या वे भारत का नेतृत्व कर पाएंगे?
अब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री का विरोध
टाइम मैगजीन अब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विरुद्ध हो गया है। इसे वह अधिक प्रचारित कर रहा, उसकी कॉन्ट्रीब्यूटर राणा अयूब के विरुद्ध दुष्प्रचार फैलाने की कार्रवाई के बाद लोगों के बोलने की स्वतंत्रता पर खतरा पताने लगा है।
“If I do go behind bars, I’ll keep fighting the good fight. Because they can’t chain my thoughts.” @RanaAyyub on the latest escalation in India's crackdown on free speech. Six prominent Muslims—including Rana—are facing a criminal investigation. https://t.co/KePLaWiwdb
— Naina Bajekal (@naina_bajekal) June 17, 2021
राणा अयूब लोनी प्रकरण को छह मुस्लिमों के विरुद्ध कार्रवाई बताती हैं। लिखती हैं वे मेरी आवाज को दबा नहीं सकते, मैं अपनी आवाज बुलंद करती रहूंगी।
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