चीन अपने पड़ोसी ताइवान को घेर कर युद्धाभ्यास (joint exercise) कर रहा है तो दूसरी तरफ भारत में पश्चिम बंगाल के कलाईकुंडा एयरबेस पर भारत-अमेरिका का संयुक्त युद्धाभ्यास (joint exercise) संपन्न हुआ है। एयरफोर्स के इस सबसे पुराने एयरबेस से जब भारत और अमेरिका के लड़ाकू विमानों ने आसमान में गरजते हुए उड़ान भरी तो नजारा देखने लायक था। इस संयुक्त युद्धाभ्यास (joint exercise) से चीन की चिंता बढ़ गई है।
सुरक्षा की दृष्टि से महत्वपूर्ण
वायु सेना कलाइकुंडा के एयर ऑफिसर कमांडिंग (एओसी) एयर कमोडोर रण सिंह ने ‘कोप इंडिया 2023’ भारत-अमेरिका संयुक्त युद्धाभ्यास के समापन समारोह में कहा कि इस तरह के अभ्यास दोनों देशों के रणनीतिक और सुरक्षा की दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं। इस दौरान दोनों देशों के सैनिकों ने सीखा कि किस तरह आपातकाल में एक-दूसरे की मदद करनी है। इस तरह के आयोजनों से भविष्य में दोनों देशों की रक्षा तैयारियों को मजबूती मिलेगी।
कलाईकुंडा वायुसेना स्टेशन पर किया संयुक्त अभ्यास
भारत और अमेरिका की वायुसेना के लड़ाकू विमानों (fighter jets) ने बंगाल के पश्चिम मेदिनीपुर जिले में कलाईकुंडा वायुसेना स्टेशन पर संयुक्त अभ्यास में हिस्सा लिया। ‘कोप इंडिया 2023’ अभ्यास के सोमवार को समापन पर वायु सेना अड्डे से दोनों देशों की वायु सेनाओं के पांच शीर्ष लड़ाकू विमानों ने एक के बाद एक तेजी से उड़ान भरी।
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इस अभ्यास में भारत के तेजस, राफेल, जगुआर और एसयू-30 एमकेआई लड़ाकू विमानों और अमेरिका के एफ-15 लड़ाकू विमान ने भाग लिया। यह अभ्यास 10 अप्रैल से शुरू हुआ था और सोमवार को समाप्त हो गया। इसके साथ ही पश्चिम बर्द्धमान जिले के पन्नागढ़ वायुसेना स्टेशन में 10 अप्रैल से दोनों देशों के परिवहन विमानों का 12 दिवसीय अभ्यास भी शुरू किया गया था।
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