तो कोल्हापुरी चप्पल का निर्यात ही दे सकता है 1 बिलियन डॉलर

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केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग, उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण एवं कपड़ा मंत्री श्री पीयूष गोयल ने कहा है कि भारत के चमड़ा उद्योग को विश्व में पहला स्थान बनाने की ओर कार्य करना चाहिए। चमड़ा निर्यात परिषद (सीएलई) के राष्ट्रीय निर्यात उत्कृष्टता पुरस्कार प्रस्तुति समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि हम पहले ही दुनिया में दूसरे सबसे बड़े चमड़ा उद्योग हैं।

पीयूष गोयल ने कहा, ‘मैं इस बात से बहुत, बहुत अधिक संतुष्ट हूं कि आप 2025 तक कम से कम 10 बिलियन डॉलर तक बढ़ने की आकांक्षा कर रहे हैं, हालांकि अभी भी यह आपको केवल 15-17 प्रतिशत की वृद्धि दर ही प्रदान कर रहा है। जबकि आप सबकी क्षमता पर गौर करने के बाद… मैं समझता हूं कि हम और भी अधिक महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित कर सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि केवल कोल्हापुरी चप्पल ही 1 बिलियन डॉलर का निर्यात लक्ष्य अर्जित कर सकती है।

उन्होंने चमड़ा उद्योग से आत्मनिर्भर बनने और नई योजनाओं को आरंभ करने, सब्सिडी दरों पर भूमि उपलब्ध कराने, पीएलआई प्रदान करने के लिए सरकार की प्रतीक्षा न करने की अपील की। उन्होंने कहा, ‘मेरा मानना है कि ये सभी चीजें आपकी प्रगति को बाधित करेंगी।’ इसके साथ ही उन्होंने आश्वासन दिया कि, सरकार चमड़ा क्लस्टरों के काफी निकट बीआईएस मानक प्रयोगशालाओं को स्थापित कर चमड़ा उद्योग को उसका लक्ष्य अर्जित करने में सहायता करेगी।

उस अवसर पर जनसमूह को संबोधित करते हुए, केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने चमड़ा उद्योग को उनके नवोन्मेषण के प्रयासों में सरकार से मदद का भरोसा दिलाया।

इस अवसर पर दोनों मंत्रियों ने वर्ष 2019-20 और वर्ष 2020-21 लिए राष्ट्रीय निर्यात पुरस्कार प्रदान किए।

 

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