प्रोजेक्ट-75 आई… पनडुब्बियों का काम देश की कंपनियों के नाम

समुद्री सुरक्षा में देश को मजबूत करने के लिए बड़ा निर्णय केंद्र सरकार ने लिया है। जिसके माध्यम से सीमाएं सुरक्षित होंगी साथ ही आत्मनिर्भर भारत को बल मिलेगा।

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भारत सरकार ने छह पनडुब्बियां निर्मित करने के लिए निविदा जारी कर दी है। देश के प्रोजेक्ट-75 इंडिया के अंतर्गत ये छह पनडुब्बिया बननी हैं। इस परियोजना की लागत लगभग 50 हजार करोड़ रुपए की है।

प्रोजेक्ट 75(आई) दूसरा प्रोजेक्ट है जिसे स्ट्रेटेजिक पार्टनरशिप मॉडेल के अंतर्गत पूरा किया जाएगा। इससे पनडुब्बी निर्माण में स्वदेशी डिजाइन और निर्माण क्षमता का विकास होगा। प्रोजेक्ट 75 के अंतर्गत पहले मॉडल में नौसेना के उपयोग के लिए 111 हेलिकॉप्टर का निर्माण शामिल है।

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हो रहा स्कॉर्पीन पनडुब्बी का निर्माण
वर्तमान में मजगांव डॉक लिमिटेड में पहले प्रोजेक्ट 75 के अंतर्गत स्कॉर्पीन पनडुब्बी का निर्माण चल रहा है। छह पारंपरिक पनडुब्बियों के निर्माण की मंजूरी जून 2019 में ही सरकार से मिल गई थी। जिसे भारत सरकार के मेक इन इंडिया मॉडेल के अंतर्गत बनाना था।

मेक इन इंडिया को मिलेगी शक्ति
यह अब तक का सबसे बड़ी मेक इन इंडिया परियोजना है। सूत्रों के अनुसार केंद्र सरकार ने संबंध में मजगांव डॉक लिमिटेड और एल एंड टी को निविदा आबंटन कर दिया है। इसकी कुल कीमत 50 हजार करोड़ रुपए है।

चुनना होगा विदेशी पार्टनर
मजगांव डॉक लिमिटेड और एल एंड टी को निविदा मिलने के बाद अब पांच विदेशी शिपयार्ड में से किसी एक को साथ लेना होगा। जिसमें रशियन रोसोबोरोनएक्सपोर्ट, फ्रेंच डिफेन्स का डीसीएनएस, थाइसनक्रुप्प मरीन सिस्टम, स्पेनिश मेजर नवन्शिया, साउथ कोरियन डेवो का नाम है।

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