हमारा पूर्व नियोजन जमाखोरी तो नहीं? जानें नामी डॉक्टरों से किसे देना चाहिए रेमडेसिविर और प्राण वायु

देश में कोरोना के दूसरे चरण के संक्रमण से लोगों में घबराहट और भ्रम की स्थिति है। जिन्हें कोई दिक्कत नहीं है वे भी दवाइयों और ऑक्सीजन के लिए भागदौड़ कर रहे हैं।

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कोविड 19 संक्रमण के कारण देश में त्राहि मची हुई है। दवा के लिए, ऑक्सीजन के सिलेंडर भराने के लिए कतारों में लोग खड़े हैं। इसी समय देश के नामी डाक्टरों की एक महत्वपूर्ण सलाह सामने आई है। जिसमें उन्होंने बताया है कि रेमडेसिविर कोविड संक्रमण में संजीवनी नहीं है। जबकि इस दवा और प्राण वायु (ऑक्सीजन) के लिए मची त्राहि आवश्यकता न होने पर भी की जा रही जमाखोरी के कारण है।

दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के निदेशक डॉ.रणदीप गुलेरिया ने स्पष्ट किया है कि देश में ऑक्सीजन और इंजेक्शन की कमी का कारण उत्पादन कम होना नही हैं, बल्कि इसके पीछे वो लोग हैं जो डर की स्थिति में अपने घरों में इसका भंडारण कर रहे हैं। इसके कारण जिन्हें आवश्यकता है उन्हें यह नहीं मिल पा रही है। उन्होंने यह भी बताया कि कुल कोविड 19 संक्रमितों में से कितनों को अस्पताल और ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है।

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  • कोविड 19 के हल्के संक्रमण में 85-90 प्रतिशत लोगों को सर्दी, बुखार और गले में पीड़ा
    इन संक्रमितों का इलाज घर पर ही संभव
  • इनके लिए ऑक्सीजन और रेमडेसिविर की आवश्यकता नहीं
  • 10-15 प्रतिशत संक्रमितों को ही ऑक्सीजन, प्लाज्मा और रेमडेसिविर की पड़ती है आवश्यकता
  • 5 प्रतिशत संक्रमितों को ही वेंटिलेटर की आवश्यकता

रेमडेसिविर पर क्या कहते हैं डॉक्टर

  • रेमडेसिविर न तो संक्रमण और न हीं अस्पताल में भर्ती रहने की कालावधि करती है कम
  • यह कोई चमत्कारी संजीवनी नहीं
  • यह अस्पतालों में मध्यम और गंभीर मामलों में कि जाती है प्रयोग

पॉजिटिव रिपोर्ट पर क्या करें? क्या योग करेगा निरोग?
मेदांता अस्पताल के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक डॉ.नरेश त्रेहान ने आरटी-पीसीआर टेस्ट पॉजिटिव आने पर क्या करें इसकी जानकारी दी।

  • टेस्ट पॉजिटिव आने पर अपने स्थानीय या फैमिली डॉक्टर से लें सलाह
  • योग और प्राणायाम करें, ये फेफड़े को स्वस्थ रखने में सहायक
  • दो मास्क पहनना आवश्यक, बाहरी हवा सीधे न करे प्रवेश
  • सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखना आवश्यक
  • हाथों को धोना और असंक्रमित रखना आवश्यक
  • भीड़ से दूरी बनाकर रहें

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अक्सीजन की कमी पर डॉ.नरेश त्रेहान ने कहा कि हमारे यहां मेडिकल ऑक्सीजन की मांग अचानक बढ़ गई है। हमारी औद्योगिक इकाइयों में उसे देने की क्षमता है लेकिन इसके यातायात की व्यवस्था कठिन है। सरकार इस लक्ष्य पर कार्य कर रही है, अगले पांच से सात दिनों में यह कमी दूर हो जाएगी।

जनरल हेल्थ सर्विसेस के निदेशक डॉ.सुनील कुमार ने कोविड 19 से निपटने की तैयारियों के विषय में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष इसकी कोई तैयारी नहीं थी लेकिन बहुत जल्द ही सरकार इस क्षेत्र में अच्छी क्षमता विकसित कर लेगी। महामारी के पहले कोविड 19 जांके लिए जहां मात्र एक प्रयोगशाला थी उसकी जगह अब 2,500 प्रयोगशालाएं खड़ी हैं। हमने अपनी परीक्षण क्षमता लाख तक ले जाने में सफल हुए हैं। इसके लिए ट्रैकिंग और कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग में भी हम सफल रहे हैं। टीकाकरण पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि इसका कोई दुष्परिणाम नहीं है।

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