टोक्यो पैरालिंपिकः कृष्णा नागर ने जीता गोल्ड, भारत को मिले अब तक 19 पदक

कृष्णा नागर ने हांगकांग के शू मान कायाशी को हराकर गोल्ड मेडल जीता। इससे पहले सुहास यतिराज ने समापन दिवस पर रजत पदक जीता। सुहास के पास गोल्ड मेडल जीतने का मौका था।

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टोक्यो पैरालिंपिक के समापन के दिन, भारतीय एथलीटों ने अपनी जीत का सिलसिला बनाए रखा। पुरुष एकल बैडमिंटन स्पर्धा में सुहास यतिराज के रजत पदक जीतने के बाद अब एक और पदक भारत ने जीता है। कृष्णा नागर ने गोल्ड मेडल जीतकर ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। इसके साथ ही भारत की पदक तालिका 19 की रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गई है। इस साल पहली बार बैडमिंटन को पैरालिंपिक में शामिल किया गया है।

कृष्णा नागर ने हांगकांग के शू मान कायाशी को हराकर गोल्ड मेडल जीता। इससे पहले सुहास यतिराज ने समापन दिवस पर रजत पदक जीता। सुहास के पास गोल्ड मेडल जीतने का मौका था। हालांकि हार के कारण उन्हें सिल्वर मेडल से संतोष करना पड़ा।

सुहास यतिराज ने रचा इतिहास
सुहास यतिराज एक आईएएस अधिकारी हैं, जिन्होंने टोक्यो पैरालिंपिक में पदक जीतकर इतिहास रच दिया है। सुहास यतिराज पदक जीतने वाले पहले आईएएस अधिकारी बन गए हैं। फाइनल मैच में सुहास को फ्रांस के शीर्ष वरीयता प्राप्त लुकास मजूर ने चुनौती दी थी। इससे पहले सुहास ने सेमीफाइनल में इंडोनेशिया के फ्रेडी सेतियावान को 31 मिनट में 21-9, 21-15 से हराया था।

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नोएडा में बतौर जिलाधिकारी कार्यरत
फाइनल में फ्रेडी सेतियावान ने सुहास यतिराज को हराकर स्वर्ण पदक जीता। सुहास यतिराज ने रजत पदक अर्जित किया है। कर्नाटक में जन्में सुहास उत्तर प्रदेश के नोएडा में बतौर जिलाधिकारी कार्यरत हैं।

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