टोक्यो ओलंपिकः 41 साल बाद भारतीय महिला हॉकी टीम ने किया ऐसा कारनामा!

कैप्टन रानी रापाल की अगुवाई में भारतीय टीम ने 41 साल में पहली बार ओलंपिक खेलों के सेमी फाइनल में अपना स्थान पक्का किया है।

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जापान के टोक्यो में खेले जा रहे ओलंपिक खेलों में महिला भारतीय हॉकी टीम ने इतिहास रचते हुए क्वार्टर फाइनल में ऑस्ट्रेलिया को 1-0 से हराकर पहली बार सेमी फाइनल में अपनी जगह बना ली। भारत की ओर से एकमात्र गोल गुरजीत कौर ने किया। भारतीय टीम पूरे मैच में कंगारू टीम पर हावी रही। उसने लगातार आक्रामक रुख बरकरार रखा।

कैप्टन रानी रापाल की अगुवाई में भारतीय टीम ने 41 साल में पहली बार ओलंपिक खेलों के सेमी फाइनल में अपना स्थान पक्का किया है। टीम ने दक्षिण अफ्रीका पर 4-3 से जीत दर्ज करने के बाद वर्तमान चैंपियन ग्रेट ब्रिटेन की आयरलैंड पर 2-0 से जीत दर्ज कर 30 जुलाई को 41 वर्ष में पहली बार ओलंपिक के क्वार्टर फाइनल में प्रवेश किया था।

वंदना कटारिया का धमाकेदार प्रदर्शन
दक्षिण अफ्रीका के विरुद्ध टीम की खिलाड़ी वंदना कटारिया ने शानदार खेल का प्रदर्शन करते हुए लगातार तीन गोल दागकर टीम को जीत दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वंदना ओलंपिक में भारत की ओर से गोलों की हैट्रिक लगाने वाली पहली खिलाड़ी बनी थीं। हॉकी टीम की फॉर्म के देखते हुए फैंस को सेमीफाइनल में भी इस टीम से धमाकेदार प्रदर्शन की उम्मीद है।

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भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने भी रचा इतिहास
इससे पहले 1 अगस्त को भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने अपने क्वार्टर फाइनल मुकाबले में ग्रेट ब्रिटेन को 3-1 हराकर 49 साल बाद ओलंपिक खेलों के सेमीफाइल में जगह बनाई। टीम की ओर से दिलप्रीत सिंह ने 7वें, गुरंजत सिंह ने 16वें और हार्दिक सिंह ने 57वें मिनेट में गोल दागा।

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