‘माराडोना कभी मर नहीं सकते’

विश्व के सर्वश्रेष्ठ स्ट्राइकरों में शामिल लियोनेल मेसी और क्रिस्टियानो रोनाल्डो ने महान खिलाड़ी माराडोना के निधन पर शोक व्यक्त किया। मेसी ने कहा, 'जिसका नाम डिएगो माराडोना है, वह कभी मर नहीं सकता। क्योंकि डिएगो नाम अमर है।'

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विश्व के महान फुटबॉल खिलाड़ी डिएगो माराडोना का 25 नवंबर को निधन हो गया। वे 60 साल के थे। निधन से कुछ दिन पहले ही उनके सिर में ब्लड क्लोट की सर्जरी हुई थी। ब्यूनस आयर्स के बाहरी इलाके में 30 अक्टूबर 1960 में पैदा हुए मैराडोना ने 1976 में अपने शहर के क्लब अर्जेंटीनोस जूनियर्स के लिए सीनियर फुटबॉल में पदार्पण किया था। इसके बाद वो यूरोप चले गए थे। वहां उन्होंने 1982-84 तक स्पेन के दिग्गज क्लब बार्सिलोना के साथ पेशेवर फुटबॉल खेली।

डिएगो मारडोना से संबंधित खास बातें

  • मेसी के मेंटर रहे मालडोना उनके सबस बड़े आलोचक भी थे
  • फुटबॉल खिलाड़ियों में शामिल मारडोना की कप्तानी में ही अर्जेंटीना ने 1986 में विश्व कप जीता था।
  • इंग्लैंड के खिलाफ सेमीफाइनल में उनके द्वारा किए गए गोल को ‘गोल ऑफ द सेंचुरी’ कहा गया
  • ये गोल  उन्होंने 60 यार्ड में भागते हुए इंग्लैंट की मिडफील्ड को छकाते हुए किया था
  • अर्जेंटीना के पूर्व मिडफील्डर और मैनेजर का खेल सार्वजनिक महान खिलाड़ियों में गिना जाता है

    विश्व के महान खिलाड़ियों ने दी श्रद्धांजली
    विश्व के सर्वश्रेष्ठ स्ट्राइकरों में शामिल लियोनेल मेसी और क्रिस्टियानो रोनाल्डो ने महान खिलाड़ी माराडोना के निधन पर शोक व्यक्त किया। मेसी ने कहा, ‘जिसका नाम डिएगो माराडोना है, वह कभी मर नहीं सकता। क्योंकि डिएगो नाम अमर है।’
    पुर्तगाल के महान खिलाड़ी क्रिस्टियानो रोनाल्डो ने ट्विट किया,’आज मैंने अपने एक अच्छे दोस्त को अलविदा कह दिया और विश्व ने एक महान जिनियस को। विश्व के सर्वकालिक महान जादूगर जल्दी चले गए लेकिन वो अपने पीछे एक विरासत छोड गए और ऐसा शून्य, जिसे कभी नहीं भरा जा सकता। भगवान आपकी आत्मा को शांति दे।”‘एक दिनआसमान में मारडोना के साथ फूटबॉल खेलूंगा’
    ‘एक दिन आसामन में कहीं माराडोना के साथ फुटबॉल खेलूंगा’ ब्राजील के महान फुटबॉलर पेले ने अर्जेंटीना के करिश्माई खिलाड़ी मारडोना के निधन पर इस तरह से श्रद्धांजलि दी। पेले वह खिलाडी हैं, जिनका नाम फुटबॉल के बादशाह, माराडोना के साथ लिया जाता है। माराडोना और पेले दोनों एक दूसरे के प्रशंसक थे। हालांकि दोनों की उम्र में दो दशक का फासला है। फुटबॉल के खेल को खूबसूरत बनाने में इन दोनों का योगदान सराहनीय है।

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