यूपी के संगठित अपराध गिरोहों पर इस साल खूब चला योगी सरकार का चाबुक

उत्तर प्रदेश में वर्ष 2022 में दूसरी बार आयी सरकार दो कदम आगे है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अपराध करने वालों के लिए बनायी गयी नीति अपराधियों पर नकेल कसने वाली है।

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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अपराधियों के विरुद्ध चलाये गये अभियान से जनता, व्यापारी वर्ग, उद्यमियों व यूपी पुलिस में सरकार के प्रति विश्वास जगा है। वर्ष 2022 में गिरोह बनाकर संगठित अपराध करने वाले अपराधियों के खिलाफ मुख्यमंत्री का चाबुक इस कदर चला कि बड़े-बड़े अपराधी खुद को जेल में ज्यादा सुरक्षित महसूस कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दूसरे कार्यकाल में जहां उत्तर प्रदेश में मुख्तार अंसारी,अतीक अहमद, विजय मिश्र जैसे कई माफियाओं की संपत्ति पर सरकार का बुलडोजर चला है, वहीं करोड़ों -अरबों रुपये मूल्य की उनकी संपत्तियां कुर्क भी की गई हैं, वहीं सबसे ज्यादा कार्रवाई पश्चिम उत्तर प्रदेश के मेरठ रेंज में हुई है. यहां साल 2022 में योगी सरकार ने अपराधियों और माफियाओं की करीब 163 करोड़ की संपत्ति कुर्क की है। आईजी रेंज प्रवीण कुमार के मुताबिक रेंज के तीन बड़े माफियाओं की करीब 7 करोड़ 25 लाख की प्रॉपर्टी को बाबा के बुलडोजर ने नेस्तनाबूत कर दिया है। प्रदेश में योगी राज कायम होने से पहले पश्चिम उत्तर प्रदेश में अपराधियों माफियाओं और संगठित अपराध करने वालों का वर्चस्व था. लेकिन 2017 के बाद पश्चिमी प्रदेश में संगठित अपराधपर अंकुश लग गया। अपहरण और फिरौती का धंधा बंद हो गया. इतना ही नहीं अपराधियों और माफियाओं ने एनकाउंटर के डर से खुद ही सरेंडर करना शुरू कर दिया। मेरठ, बागपत, हापुड़, बुलंदशहर की बात करें तो उत्तर प्रदेश में दोबारा योगी राज कायम होने के बाद अब तक माफियाओं की 163 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति कुर्क की जा चुकी है. इसके अलावा पश्चिम उत्तर प्रदेश के बड़े माफियाओं को चिन्हित करके उनकी और उनके गिरोह से जुड़े दूसरे लोगों की करीब 7.25 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति पर सरकारी बुलडोजर चल चुका है. जिन पर कार्रवाई हुई है उनमें सबसे बड़े नाम बदन सिंह बद्दो, अंतरराष्ट्रीय गौ तस्कर अकबर बंजारा, वाहन माफिया गला और ड्रग्स माफिया तस्लीम के हैं।

यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट की तैयारियों में उत्तर प्रदेश की सरकार जुटी हुई है। प्रदेश सरकार के मंत्रियों व शासन में बैठे अधिकारियों के विदेश में दौरे हुए हैं। वर्ष 2023 की शुरुआत में देश के अलग-अलग हिस्सों में रोड शो भी होंगे। अगले वर्ष ही फरवरी माह के दूसरे सप्ताह 10 से 12 फरवरी में यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट होने जा रहा है। प्रदेश में पूरी दुनिया से निवेश आयेगा और यह मुख्यमंत्री के अपराध व अपराधियों के विरुद्ध बनायी गयी रणनीति से सम्भव हो सका है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस तरह से उत्तर प्रदेश को सुरक्षित किया है कि यहां बाहर से आने वाले किसी भी व्यापारी, उद्यमी को अब असुरक्षा महसूस नहीं होती। यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में देश दुनिया से आने वाले ब्यूरोक्रेट्स , नेताओं, उद्यमियों, टॉप ट्रेडर्स, कम्पनियों के कर्मचारियों की सुरक्षा व्यवस्था के अभी से चाक चौबन्द व्यवस्था का प्लान बन गया है। यूपी पुलिस सहित सुरक्षा एजेसिंयां अपने कार्य में जुटी हुई हैं।

यूपी पुलिस के अधिकारियों की माने तो उत्तर प्रदेश में हत्या, लूट जैसे संगीन अपराध में कमी आयी है। भीषण डकैती जैसी घटनाओं पर पूरी तरह से रोकथाम है। अपराध करने वालों ने उत्तर प्रदेश सरकार व यूपी पुलिस की नीति को देखते हुए अपना रुख बदला है। उत्तर प्रदेश में सक्रिय अपराध गिरोहों के कई शूटरों को ढेर कर दिया गया है या फिर उनकी गिरफ्तारी कर जेल के सलाखों के पीेछे भेजा गया है।

अपहरण की साजिश, ब्लैकमेलिंग, घरेलू विवाद, जमीन विवाद, आनलाइन चोरी जैसी घटनाएं अभी भी आयेदिन हो जा रही हैं लेकिन इसे शीघ्रता से निपटाने में थाना व क्षेत्र स्तर पर पुलिसकर्मी, पुलिस अधिकारी कार्य करते रहते हैं। महिलाओं की सुरक्षा के लिए वर्ष 2022 में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने महत्वपूर्ण कदम उठाये हैं। इसमें पिंक बूथ की स्थापना भी शामिल है। महिलाओं से छेड़छाड़ की घटनाओं में भी कमी आयी है।

एडीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार ने अपने एक बयान में कहा कि उत्तर प्रदेश में अपराध की स्थिति को समझने के लिए क्राइम रेट बेहतर माध्यम है। वही आज की स्थिति को समझिये तो पिछले 5 वर्षो में अपराध पर पूर्णतः नियंत्रण है। संगठित अपराध की कमर टूट गयी है। माफियाओ पर लगातार कार्रवाई हो रही है।

अपराधियों की शरण स्थली माने जाने वाले गोरखपुर में छोटे बड़े अपराधियों ने शहर छोड़ दिया है। जो बचे भी हैं, उन्होंने राजनीतिक संरक्षण ले लिया है। गाजीपुर, मऊ, प्रयागराज जैसे जनपदों से संचालित अपराध को नियंत्रण करने में यूपी पुलिस के आला अधिकारियों ने कोई कोर कसर नहीं छोड़ी। माफियाओं को चिन्हित कर उनकी बेनामी सम्पत्तियों की सूची बनाकर जमींदोज करने का अभियान जारी है।

उत्तर प्रदेश में पुलिस विभाग में सुधार लाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने कमिश्नरेट प्रणाली का विस्तार किया है। पुलिस कमिश्नर नियुक्त हुए हैं तो उसका भी कानून व्यवस्था पर व्यापक असर देखने मेें आया है। संगठित रुप से अपराध करने वाले छोटे गिरोहों को सूचीबद्ध कर अपराधियों की खोज खबर ली जा रही है। पुलिस उपायुक्त स्तर पर बीच-बीच में अभियान चलाकर जेल से छूटे अपराधियों की जानकारी जुटायी जाती है और उनकी गतिविधियों पर भरपूर नजर रखा गया है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने भाषणों में कई बार कहा है कि यूपी अब दंगा मुक्त हुआ है। एनसीआरबी के आंकड़े भी कुछ ऐसा ही कहते है। बीते 5 वर्षो में उत्तर प्रदेश में एक भी दंगा जैसी घटना नही हुई है।

उत्तर प्रदेश में वर्ष 2022 में दूसरी बार आयी सरकार दो कदम आगे है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अपराध करने वालों के लिए बनायी गयी नीति अपराधियों पर नकेल कसने वाली है। अपराधियों के दिल में दहशत है। राजनीतिक परिदृश्य में माफिया विरोधी ये नीति ही जनमानस को मुख्यमंत्री की ओर आकर्षित भी करती है।

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