Uniform Civil Code: महाराष्ट्र में जल्द लागू होगा समान नागरिक संहिता? जानिए डिप्टी स्पीकर नीलम गोरहे ने क्या कहा

देशभर में समान नागरिक संहिता की मांग हो रही है। हाल ही में उत्तराखंड सरकार ने समान नागरिक संहिता लागू की है।

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देश में समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code) की मांग उठ रही है। हाल ही में उत्तराखंड सरकार (Uttarakhand Government) ने समान नागरिक संहिता (Maharashtra Legislative Council) लागू की है। अब महाराष्ट्र विधान परिषद की उपसभापति डॉ. नीलम गोरहे (Deputy Chairperson Dr. Neelam Gorhe) ने भी इस संबंध में बयान दिया है। नीलम गोरहे ने 1 फरवरी को विश्व मराठी सम्मेलन (World Marathi Conference) के आचार्य पी.के. डॉ. अत्रे मंच पर ‘मराठी भाषा में महिला कानून और न्याय’ (Women Law and Justice) विषय पर बात की।

लैंगिक समानता लाने के साथ-साथ महिलाओं के लिए सच्चा न्याय सुनिश्चित करने के लिए देश में समान नागरिक संहिता लागू की जानी चाहिए। महाराष्ट्र में जल्द ही समान नागरिक संहिता लागू की जाएगी। न्याय की देवी आंखों से पट्टी हटाकर महिलाओं को न्याय दिलाने का काम कर रही हैं। विधान परिषद की उपसभापति डॉ. नीलम ने कहा कि मराठी भाषा विभाग को फौजदारी और सिविल अदालतों में मराठी में फैसले जारी करने के लिए कदम उठाने चाहिए।

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उत्तराखंड राज्य वर्ष 2000 में अस्तित्व में आया। इस राज्य में 27 जनवरी को समान नागरिक संहिता लागू की गई। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने यह घोषणा की। उत्तराखंड इस कानून को लागू करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है। उत्तराखंड विधानसभा ने पिछले साल 7 फरवरी को नागरिक संहिता विधेयक पारित किया था। इसके बाद 18 अक्टूबर 2024 को इस मुद्दे पर गठित समिति ने समान नागरिक संहिता पर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की। अब ऐसा प्रतीत होता है कि कई भाजपा शासित राज्यों में समान नागरिक संहिता लागू करने की पहल की जा रही है।

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