West Bengal: कलकत्ता उच्च न्यायालय ने गुरुवार, 5 जून को शर्मिष्ठा पनोली को अंतरिम जमानत दे दी, जिन्हें पिछले सप्ताह सोशल मीडिया पर कथित तौर पर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाले पोस्ट के लिए गिरफ्तार किया गया था। उसकी गिरफ्तारी को लेकर बंगाल पुलिस और ममता सरकार नेटिजेंस के निशाने पर थी।
पुणे की 22 वर्षीय लॉ छात्रा पनोली ने 14 मई को इंस्टाग्राम पर एक वीडियो पोस्ट किया, जिसमें ऑपरेशन सिंदूर के बारे में बॉलीवुड हस्तियों की चुप्पी पर सवाल उठाया गया था। उसके बाद उसने माफ़ी मांग ली थी और अब वीडियो सोशल मीडिया के उसके अकाउंट से हटा दिया गया है।
पनोली को कोलकाता पुलिस ने 29 मई को गुरुग्राम से गिरफ्तार किया था और कोलकाता अदालत के आदेश के अनुसार 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में रखा गया था।
2 जून को पनोली के वकील मोहम्मद समीमुद्दीन ने बताया कि पनोली अस्वस्थ थी और अलीपुर महिला सुधार गृह में बुनियादी स्वच्छता की कमी थी। उन्होंने कहा था,”हमने अदालत में एक याचिका दायर की है ताकि उसे उसके मूल अधिकारों का लाभ मिल सके… हम उसे जमानत पर बाहर लाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं।”
कई राजनेताओं ने शर्मिष्ठा की गिरफ्तारी पर साझा किए अपने विचार
बॉलीवुड अभिनेत्री से राजनेता बनी कंगना रनौत ने अपने इंस्टाग्राम पर कहा, “मैं सहमत हूं कि शर्मिष्ठा ने अपनी अभिव्यक्ति के लिए कुछ अप्रिय शब्दों का इस्तेमाल किया, लेकिन आजकल ज़्यादातर युवा ऐसे शब्दों का इस्तेमाल करते हैं…उसने अपने बयानों के लिए माफ़ी मांग ली है और यही काफी है, उसे और परेशान करने की ज़रूरत नहीं है। उसे तुरंत रिहा किया जाना चाहिए।”
उसकी गिरफ़्तारी के एक दिन बाद, आंध्र प्रदेश के उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण ने एक्स पर एक सोशल मीडिया पोस्ट पर शर्मिष्ठा की गिरफ्तारी की आलोचना की। उन्होंने लिखा, “ईशनिंदा की हमेशा निंदा की जानी चाहिए! धर्मनिरपेक्षता कुछ लोगों के लिए ढाल और दूसरों के लिए तलवार नहीं है। यह दो-तरफ़ा होना चाहिए। पश्चिम बंगाल पुलिस, राष्ट्र देख रहा है। सभी के लिए न्यायपूर्ण कार्रवाई करें।”
During Operation Sindoor, Sharmistha, a law student, spoke out, her words regrettable and hurtful to some. She owned her mistake, deleted the video and apologized. The WB Police swiftly acted, taking action against Sharmistha.
But what about the deep, searing pain inflicted… pic.twitter.com/YBotf34YYe
— Pawan Kalyan (@PawanKalyan) May 31, 2025
इस मामले ने डच सांसद गीर्ट वाइल्डर्स का भी ध्यान खींचा, जिन्होंने कहा कि गिरफ़्तारी ‘अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अपमान’ है।
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