1992 JJ Hospital Firing Case: यूपी से वांछित आरोपी 32 साल बाद गिरफ्तार, मुंबई क्राइम ब्रांच ने की कार्रवाई

1992 में दाऊद इब्राहिम की बहन हसीना पार्कर के पति इब्राहिम पार्कर की कुख्यात गैंगस्टर अरुण गवली के गिरोह ने हत्या कर दी थी।

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मुंबई (Mumbai) के सर जे. जे अस्पताल (Sir J.J. Hospital) शूटआउट मामले में मुंबई क्राइम ब्रांच (Mumbai Crime Branch) को बड़ी कामयाबी मिली है। पुलिस ने फरार शूटर (Absconding Shooter) को 32 साल बाद उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के मिर्ज़ापुर जिला (Mirzapur District) से गिरफ्तार (Arrested) किया है। आरोपी शूटर का नाम त्रिभुवन रामपति सिंह (Tribhuvan Rampati Singh) उर्फ ​​श्रीपति श्रीकांत राय उर्फ ​​प्रधान है, उसकी उम्र करीब 62 साल है। मुंबई क्राइम ब्रांच ने आरोपी त्रिभुवन सिंह को कोर्ट में पेश किया। जहां कोर्ट ने त्रिभुवन को 25 अक्टूबर तक मुंबई क्राइम ब्रांच की हिरासत में भेज दिया। त्रिभुवन सिंह, सुभाष सिंह ठाकुर गिरोह का सरगना है।

1992 में मुंबई के सर जे. जे हॉस्पिटल में गोलीबारी की घटना हुई थी, जिसमें अरुण गवली गैंग के गैंगस्टर शैलेश हल्दनकर और बिपिन शेर समेत दो पुलिसकर्मी मारे गए थे। जे. जे हॉस्पिटल में अंधाधुंध फायरिंग में पहली बार एके 47 राइफल, अत्याधुनिक पिस्टल हैंड ग्रेनेड का इस्तेमाल किया गया था। इस गोलीबारी को अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के इशारे पर गैंगस्टर सुभाष सिंह ठाकुर, ब्रिजेश सिंह और अन्य गुंडों ने अंजाम दिया था।

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दाऊद इब्राहिम और अरुण गवली गैंग के बीच हुई थी झड़प
अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम की बहन हसीना पारकर के पति इब्राहिम पारकर उर्फ ​​लंबू की अरुण गवली गैंग के शैलेश हल्दनकर और बिपिन शेर ने हत्या कर दी, हत्या के बाद भागते समय दोनों घायल हो गए, दोनों को मुंबई पुलिस ने गिरफ्तार कर जे. जे अस्पताल में भर्ती कराया इलाज के लिए दाखिल किया गया था। दाऊद इब्राहिम ने अपने जीजा की हत्या का बदला लेने के लिए सुभाष सिंह ठाकुर के जरिए जे. जे हत्याकांड को अंजाम दिया था। जे. जे हत्याकांड मामले में मुंबई पुलिस ने सुभाष सिंह ठाकुर और करीब 30 लोगों को गिरफ्तार किया था।

त्रिभुवन घायल अवस्था में मुंबई से भाग गया
उत्तर प्रदेश मिर्ज़ापुर के त्रिभुवन सिंह ने जे. जे हत्याकांड में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, इस हत्याकांड में त्रिभुवन सिंह पैर में गोली लगने से घायल हो गए थे, घायल अवस्था में भी त्रिभुवन भागने में सफल रहे था।

25 अक्टूबर तक पुलिस हिरासत
चूंकि त्रिभुवन की पहचान मुंबई पुलिस द्वारा नहीं की जा सकी, इसलिए वह कई वर्षों से फर्जी नाम श्रीकांत राय रामपति उर्फ ​​प्रधान के तहत काम कर रहा था। त्रिभुवन सिंह, जिसे जे. जे हत्याकांड में पैर में गोली लगी थी और मुंबई पुलिस को पिछले 32 वर्षों से वांछित था, एक अपराध मामले में मिर्ज़ापुर जेल में था, जब मुंबई क्राइम ब्रांच को उसकी गिरफ्तारी की जानकारी मिली, तो क्राइम ब्रांच ने उनकी गिरफ्तारी के लिए स्पेशल टाडा कोर्ट से प्रोडक्शन वारंट जारी किया गया। श्रीकांत राय रामपति उर्फ ​​प्रधान को शनिवार को मिर्ज़ापुर जेल से गिरफ्तार कर मुंबई की किला कोर्ट में पेश किया गया और कोर्ट ने उन्हें 25 अक्टूबर तक पुलिस हिरासत में भेज दिया है। (1992 JJ Hospital Firing Case)

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