पश्चिम बंगाल में अंतिम चरण का मतदान जारी, कोरोना के बावजूद मतदाताओं में भारी उत्साह

पश्चिम बंगाल में अंतिम चरण का मतदान जारी है। कोरोना के तांडव के बीच यहां मतदान कराना निश्चित रुप से चुनाव आयोग के लिए बड़ी चुनौती है।

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पश्चिम बंगाल में बढ़ते कोरोना के बीच आठवें और अंतिम चरण का मतदान जारी है। मतदान केंद्रों पर सुबह से ही मतदाताओं की लंबी-लंबी लगीं कतारें ये बता रही हैं कि पिछले सात चरणों की तरह ही इस चरण में भी बंपर वोटिंग होगी। हालांकि प्रदेश में कोरोना का खतरा काफी बढ़ा हुआ है लेकिन मतदाताओं के उत्साह पर इसका कोई असर नहीं दिख रहा है।

 बंगाल में एक तरफ जहां कोरोना संक्रमण उफान पर है तो दूसरी तरफ सुरक्षा की दृष्टि से भी इस चरण की कई सीटें काफी संवेदनशील हैं। प्रदेश की कुल 294 में से अभी तक 257 सीटों के लिए मतदान कराए चुके हैं। इस चरण में चार जिलों की कुल 35 सीटों पर मतदान कराए जा रहे हैं।

जमकर मतदान होने की संभावना
इस चरण में भी पिछले सात चरणों की तरह भारी मतदान होने की संभावना है। इससे पहले 26 अप्रैल को कराए गए सातवें चरण में मतदान 76 प्रतिशत रहा था, जबकि इससे पहले के छह चरणों में औसत मतदान 80 प्रतिशत के आस पास रहा था। पारदर्शिता के लिए सभी मतदान केंद्रों पर इलेक्ट्रोनिक वोटिंग मशीन के साथ ही मतदाता पुष्टि पर्ची यानी वीवीपैट की व्यवस्था की गई है।

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कोरोना के मद्दे नजर महत्वपूर्ण निर्णय
कोरोना संक्रमण को देखते हुए मतदान केंद्रों पर दिशानिर्देशों का पालन करते हुए प्रत्येक मतदान केंद्र पर 500 से 1000 मतदान किए जाने की व्यवस्था की गई है। आयोग ने  क्वारंटाइन मतदाताओं के साथ ही दिव्यांगजनों और 80 वर्ष से अधिक आयु के बुजुर्गों के लिए डाक मतपत्र की सुविधा प्रदान की है।

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कोरोना के मद्दे नजर दिशानिर्देश
– सभी मतदाताओं की थर्मल स्क्रिनिंग जरुरी
– बुखार से पीड़ित पाए जाने पर अंतिम घंटे में मतदान की सुविधा

26 अप्रैल को थम गया था चुनाव प्रचार
29 अप्रैल को होने वाले इस मतदान का चुनाव प्रचार नए नियम के अनुसार 72 घंटे पहले 26 अप्रैल को समाप्त हो गया। कोरोना के कारण पर्टियों ने बड़ी रैली या सभा नहीं करने का निर्णय लिया था। इस वजह से पार्टी कार्यकर्ताओं ने घर-घर जाकर चुनाव प्रचार को प्राथमिकता दी।

अंतिम चरण के मतदान की खास बातें

  • आठवें और अंतिम चरण के मतदान की तारीखः 29 अप्रैल
  • चार जिलों की 35 सीटों पर मतदान
  • मतदान केंद्रः 11860
  • मतदाताः 84 लाख 77 हजार
  • कुल उम्मीदवारः 283
  • महिला उम्मीदवारः 35

इन पार्टियों में कांटे की टक्कर
भारतीय जनता पार्टी और तृणमूल कांग्रेस पार्टी ने सभी सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं। इस बार इन्हीं दोनों पार्टियों के बीच कांटे की टक्कर मानी जा रही है। इस चरण का मतदान इसलिए खास है कि इन पर जीत-हार से पार्टी का भविष्य तय होगा।

दो उम्मीदवारों का निधन
बता दें कि मुर्शीदाबाद जिला की जंगीपुर और शमशेर गंज के एक-एक प्रत्याशी के कोरोना से मौत के कारण इन सीटों पर मतदान नहीं कराए जा रहे हैं। इन पर 16 मई को मतदान कराए जाएंगे।

कोरोना का तांडव
इस बीच बंगाल में कोरोना का खतरा बढ़ता जा रहा है। 25 अप्रैल को टीएमसी के उम्मीदवार की कोरोना सो मौत हो गई। उत्तर परगना जिले के खारदाह से टीएमसी उम्मीदवार काजल सिन्हा की कोरोना के कारण जान चली गई। यहां 22 अप्रैल को मतदान कराया गया था। इसके साथ ही केंद्रीय मंत्री और भाजपा उम्मीदवार बाबुल सुप्रियो भी दूसरी बार कोरोना संक्रमित हो गए हैं। उनकी पत्नी भी कोरोना पॉजिटिव पाई गई हैं।

बड़ी चुनौती
पश्चिम बंगाल में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच चुनाव आयोग के लिए मतदान कराना एक बड़ी चुनौती है। 8 चरणों में से अब एक चरण का ही मतदान बाकी है। आठवें और अंतिम चरण का मतदान 29 अप्रैल को कराया जाएगा।

2 मई को फैसला
चार राज्यों पश्चिम बंगाल, असम, केरल और तमिलनाडु के साथ ही केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी में कराए गए मतदान के मतों की 2 मई को गिनती होगी। इसी के साथ उम्मीदवारों के साथ ही राजनैतिक पार्टियों की किस्मत का भी फैसला हो जाएगा।

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