राजस्थान के कार्यवाहक महानिदेशक पुलिस उमेश मिश्रा ने बताया कि नूपुर शर्मा की हत्या के लिए उकसाने का बयान देने के मामले में 6 जुलाई की रात आरोपित हिस्ट्रीशीटर सैयद सलमान चिश्ती की गिरफ्तारी के दौरान वायरल वीडियो के मामले में दरगाह वृताधिकारी संदीप सारस्वत को पुलिस मुख्यालय द्वारा पदस्थापन की प्रतीक्षा में (एपीओ) कर प्रकरण की जांच विजिलेंस शाखा को सौंपी गई है।मिश्रा ने बताया कि प्रकरण में आरोपित के विरुद्ध पुख्ता साक्ष्य जुटाकर अभियोजन की सशक्त कार्रवाई की जाएगी।
वायरल हुए वीडियो के बारे में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शहर विकास सांगवान ने बताया कि आरोपित नशा करने का आदी है। आरोपित पहले भी गिरफ्तारी के समय खुद को नुकसान पंहुचाने का प्रयास कर चुका है। इसे ध्यान में रखते हुए उसको समझा-बुझाकर कस्टडी में लिया जा रहा था ताकि मौके परिस्थिति बिगड़ ना जाए। आरोपित को कोर्ट में पेश कर रिमांड पर लेकर पूछताछ की जा रही है।
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पहले भी कसा गया है शिकंजा
बता दें कि अजमेर दरगाह के खादिम हिस्ट्रीशीटर सलमान चिश्ती को नसीहत देने वाले डीएसपी संदीप सारस्वत को आईजी रेंज अजमेर रूपेंद्र सिंह परिहार ने 6 जुलाई रात एपीओ कर जयपुर लगा दिया। बीजेपी की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा का सिर काटकर लाने वाले को अपना मकान देने का ऐलान करने वाले सलमान चिश्ती को पुलिस ने 5 जुलाई की रात गिरफ्तार किया गया था।
ये है विवाद
डीएसपी का एक वीडियो सामने आया था, जिसमें वे चिश्ती को यह कह रहे हैं कि बोलना नशे में था, जिसे पूर्व शिक्षा मंत्री ने वासुदेव देवनानी ने ट्वीट किया था। देवनानी ने आरोप लगाया कि पुलिस नूपुर शर्मा की हत्या की मांग करने वाले अजमेर दरगाह के खादिम सलमान चिश्ती को बचा रही है। बताया जा रहा था कि यह आरोपी को गिरफ्तार कर लाते समय का वीडियो था। इस दौरान पुलिस टीम में शामिल एक पुलिसकर्मी की आवाज आ रही है कि ऐसा कौन-सा नशा कर रखा था, वीडियो बनाते समय। वही, सलमान चिश्ती के पीछे चल रहे डीएसपी संदीप सारस्वत ने कंधे पर हाथ रखकर बोला कि- ऐसे बोलना कि नशे में था।