Russia-Ukraine War: यूक्रेन के साथ युद्ध विराम घोषित करने के लिए पुतिन पर अमेरिकी दबाव

रविवार को यूक्रेन द्वारा किए गए हमलों में पांच वायुसेना ठिकानों पर हमला किया गया और बेलाया एयरबेस पर परमाणु हमला करने में सक्षम 40 से अधिक बमवर्षक विमानों को नुकसान पहुंचाया गया।

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रूस-यूक्रेन युद्ध (Russia-Ukraine War) में संघर्ष विराम (Ceasefire) के लिए अमेरिका (US) दबाव बढ़ा रहा है। इस पृष्ठभूमि में रूस की रणनीति यूक्रेन में जितना संभव हो सके, उतने भूभाग पर नियंत्रण हासिल करने की है। अगर अधिक भूभाग हासिल हो जाता है, तो रूस के लिए वार्ता की मेज पर मोल-तोल करना आसान हो जाएगा। इसके लिए रूस ने पिछले तीन सप्ताह से लगातार यूक्रेन पर बड़े हमले किए हैं। रूस की महाशक्ति का दर्जा अब डगमगाने लगा है।

रविवार को यूक्रेन द्वारा किए गए हमलों में पांच वायुसेना ठिकानों पर हमला किया गया और बेलाया एयरबेस पर परमाणु हमला करने में सक्षम 40 से अधिक बमवर्षक विमानों को नुकसान पहुंचाया गया। इसके कारण युद्ध अब ‘रेड लाइन’ पर पहुंच गया है। रूस के एक बड़े नौसैनिक अड्डे पर भी हमले की आशंका है, जहां परमाणु क्षमता वाली पनडुब्बियां तैनात हैं। इसलिए संकेत मिल रहे हैं कि रूस यूक्रेन पर परमाणु हमला कर सकता है। रविवार को दो अमेरिकी सीनेटरों द्वारा ऐसे संकेत दिए जाने के बाद उन्होंने सोमवार को पेरिस में फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों से मुलाकात की। इस बैठक में भी आने वाले दिनों में यूक्रेन में गंभीर हमलों की संभावना पर सहमति जताई गई।

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पेरिस में यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की से मुलाकात के बाद, अमेरिकी रिपब्लिकन सीनेटर लिंडसे ग्राहम और डेमोक्रेटिक सीनेटर रिचर्ड ब्लूमेंथल ने ‘एसोसिएटेड प्रेस’ से बात करते हुए एक बड़े युद्ध की संभावना जताई। दोनों ने कहा कि राष्ट्रपति मैक्रों भी उनके विचार से 100 प्रतिशत सहमत हैं।

विशेषज्ञों का कहना है कि अमेरिका के बढ़ते दबाव के कारण रूस यूक्रेन के ज़्यादा से ज़्यादा हिस्सों पर नियंत्रण हासिल करने की कोशिश कर रहा है। क्योंकि इससे बातचीत के दौरान रूस को ज़्यादा ताकत मिलेगी। हालांकि, यूक्रेन के पलटवार ने रूस की रणनीति और उसके अधिकार को बड़ा झटका दिया है।

रूस परमाणु हथियारों का इस्तेमाल कर सकता है- विशेषज्ञ
इस हमले की सफलता ने यूक्रेन के आत्मविश्वास को भी बढ़ाया है और इसलिए और भी भयंकर युद्ध की संभावना बढ़ गई है। अगर यूक्रेन फिर से ऐसा बड़ा हमला करता है, तो रूस के लिए ‘बड़ा जवाब’ देने से बचना मुश्किल होगा। इस जवाब में परमाणु हथियारों का इस्तेमाल भी शामिल हो सकता है, क्योंकि रूस के पास दुनिया में परमाणु हथियारों का सबसे बड़ा भंडार है।

सीनेटर लिंडसे ग्राहम ने कहा कि उन्हें जो जानकारी मिली है, उसके अनुसार पुतिन एक बड़े युद्ध की तैयारी कर रहे हैं। यह समय रूस के लिए ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के लिए खतरनाक हो सकता है। यूरोपीय संघ और ब्रिटेन द्वारा रूस पर हाल ही में लगाए गए नए प्रतिबंधों ने पुतिन पर दबाव बढ़ा दिया है। अगर अमेरिका भी इन प्रतिबंधों में शामिल हो जाता है, तो रूस की मुश्किलें जरूर बढ़ेंगी।

इसलिए अमेरिका करेगा कार्रवाई
अगर यूक्रेन में युद्ध खत्म नहीं होता है, तो अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस से पेट्रोलियम उत्पाद खरीदने वाले देशों पर प्रतिबंध लगाने की धमकी दी है। ऐसे में भारत और चीन भी इन प्रतिबंधों के दायरे में आ सकते हैं या उनके आयात पर 500 फीसदी टैक्स लगाया जा सकता है।

इस संबंध में अमेरिका में एक विधेयक तैयार किया गया है और इसे अमेरिकी संसद में बहुमत मिलने की संभावना है। इसके चलते दुनियाभर में तनाव बढ़ने की संभावना है। सीनेटर ब्लूमेंथल भी इस राय से सहमत हैं।

उन्होंने कहा, “अमेरिका और पश्चिमी देशों द्वारा रूस पर लगाए गए प्रतिबंधों से रूसी अर्थव्यवस्था पूरी तरह चरमरा सकती है। रूसी अर्थव्यवस्था सिर्फ घरेलू बाजार तक ही सीमित रह जाएगी।” सीनेटर लिंडसे ग्राहम ने कहा, “मैंने अपने पूरे संसदीय करियर में इससे अधिक कठोर विधेयक कभी नहीं देखा।”

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