भारतीय पीएम, गृहमंत्री पर अमेरिकी कोर्ट में दायर सौ मीलियन डॉलर का मामला कोर्ट ने निरस्त कर दिया है। इसे पाक समर्थित कश्मीर खालिस्तान रिफरेंडम फ्रंट और दो अन्य लोगों ने दायर किया था। जिसे कोर्ट में सुनवाई के दौरान अनुपस्थित रहने के कारण कोर्ट ने निरस्त कर दिया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और लेफ्टिनेंट जनरल कंवलजीतसिंह ढिल्लो के विरुद्ध अमेरिका के टेक्सास प्रांत की स्थानीय कोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी। यह याचिका कश्मीर से अनुच्छेद 370, 35-ए हटाए जाने के विरोध में दायर की गई थी। इसे कश्मीर खालिस्तान रिफरेंडम फ्रंट और दो अन्य लोगों ने दायर किया था।
ये है मामला
19 सितंबर 2019 में पीएम नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और लेफ्टिनेंट जनरल कंवलजीत सिंह ढिल्लो के विरुद्ध याचिका दायर की थी। यह याचिका कश्मीर खालिस्तान रिफरेंडम फ्रंट और दो अन्य लोग जिनके नाम ‘टीएफके’ व ‘एसएमएस’ ने दायर किया था। इसे टेक्सस राज्य के सदर्न डिस्ट्रिक्ट कोर्ट के जज फ्रांसिस एच स्टेसी की कोर्ट में दायर किया गया था। यह याचिका प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा और वहां ‘हाउडी मोदी’ कार्यक्रम के ठीक पहले दायर की गई थी।
क्या था कोर्ट का रुख
इस मामले की सुनवाई हो रही थी इस दौरान याचिकाकर्ता ‘कश्मीर खालिस्तान रिफरेंडम फ्रंट’ और ‘टीएफके’ व ‘एसएमएस’ अनुपस्थित थे। जिसके बाद 6 अक्तूबर को जज ने याचिका को डिसमिस करने की अनुशंसा की थी। जिसे 22 अक्तूबर को अमेरिकी जज एंड्र्यू एस हनेन ने निरस्त कर दिया।
ये है पाकिस्तानी कनेक्शन
खालिस्तान को पाकिस्तान रसद आपूर्ति कर रहा है। इसके लिए उसने चंद सिखों को खालिस्तान के नाम पर उकसाकर उनके जरिये जनमत संग्रह कराने का भ्रम फैला रहा है। इसमें सिख फॉर जस्टिस नामक संस्था रेफेरेंडम 2020 चला रही है। अमेरिका में इसका नेता है गुरपतवंत सिंह पन्नुन जो इस याचिका में अलगाववादियों का वकील है। गुरपतवंत सिंह पन्नुन को भारत ने आतंकी घोषित किया है। इस संबंध में 1 जुलाई 2019 को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अधिसूचना जारी की थी।
बता दें कि गुरपतवंतसिंह पन्नुन अमेरिका में सिख फॉर जस्टिस का संस्थापक और कानूनी सलाहकार है। इन दोनों को ही अनलॉफुल एक्टिविटीज (प्रिवेंशन) एक्ट के तहत गैर कानूनी करार दिया गया है।
कैसे आया जांच के स्कैनर में
गुरपतवंत सिंह पन्नुन ने अगस्त 2018 में खालिस्तान के समर्थन में एक रैली लंदन के ट्राफलगर स्क्वेयर में आयोजित किया था। इस रैली में उसने जनमत संग्रह 2020 की घोषणा की थी। इसके तहत सिख फॉर जस्टिस पूरे विश्व में सिखों का जनमत संग्रह करवाकर भारत से पंजाब को अलग करने की मांग करने वाली थी। लेकिन जल्द ही पन्नुन की इस कोशिश की हवा निकल गई। अब यह संस्था पंजाब में खालिस्तान का झंडा फहरानेवालों को पैसा देती है। सूत्रों के अनुसार इस संगठन को सिखों का विश्वास हासिल नहीं हो पाया जिसके कारण यह सिमट कर रह गई है या कनाडा, अमेरिका और इंग्लैंड में भगोड़े भारतीयों के बल पर चल रही है। जिसके लिए पैसे पाकिस्तान की आईएसआई दे रही है।
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