उमेशपाल हत्याकांड में वांछित कुख्यात शूटर विजय चौधरी उर्फ उस्मान सोमवार तड़के पुलिस अपराध शाखा के साथ हुई मुठभेड़ में मारा गया। यह मुठभेड़ कौंधियारा में हुई। उस पर 50 हजार रुपये का इनाम था।
पुलिस के मुताबिक इसी ने पहली गोली उमेश पाल और सिपाही को मारी थी। पुलिस का कहना है कि मुठभेड़ के दौरान उस्मान को गोली लगी और वह गिर गया। उसे इलाज के लिए स्वरूपरानी अस्पताल पहुंचाया गया। चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। यह हत्याकांड में माफिया अतीक अहमद का नाम सामने आने के बाद पुलिस उसके करीबी रहे सभी लोगों के खिलाफ लगातार कार्रवाई हो रही है।
ढाई-ढाई लाख का ईनाम
उत्तर प्रदेश पुलिस की अपराध शाखा अतीक के गिरोहबाजों की लगातार खोज कर रहे हैं। इसमें अतीक के बेटे असद का भी समावेश है। ऐसी आशंका है कि असद समेत उमेश पाल के कुछ गुर्गे नेपाल भाग गए हैं। सूत्रों के अनुसार इस काम में मुख्तार अंसारी के गिरोह ने उनकी मदद की है। जो जानकारी पुलिस से सूत्रों से मिली उसके अनुसार हत्या वाले दिन शाम तक सभी आरोपी प्रयागराज में ही थे, इसके बाद वे लखनऊ, गोरखपुर मार्ग से नेपाल में चले गए।
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प्रयागराज में अतीक अहमद के गिरोहबाजों का सरेआम हत्या करना प्रशासन के लिए चुनौती बन गया है। इस हत्या में जिस प्रकार से अतीक के बेटे असद का नाम आ रहा है, उससे यह लग रहा है कि, कुख्यात अपराधों में अतीक अब अपनी अगली पीढ़ी का खौफ पैदा करने की कोशिश में है। उमेश पाल की हत्या करने के साथ ही आरोपियों ने उमेश की सुरक्षा में लगे एक पुलिस कर्मी की भी हत्या कर दी है, जो पुलिस महकमे और सरकार को नहीं पच रही है। इसलिए अतीक के गुर्गों का एक-एक कर विकेट डाउन (एन्काउंटर) हो रहा है।
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