प्रयागराज हत्याकांड: मुस्लिम छात्रावास में बना था उमेश पाल की हत्या का फाइनल चार्ट? ऐसे खुला भेद

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प्रयागराज में उमेश पाल की हुई हत्या का षड्यंत्र खुल रहा है। उत्तर प्रदेश पुलिस की एसटीएफ की दस टीमें इस प्रकरण की जांच कर रही हैं। जिसमें एक आरोपी का एन्काउंटर हो गया है। शेष पर शिकंजा कसने की तैयारी है। इस बीच जो षड्यंत्र खुला है, उसके अनुसार इस प्रकरण की योजना इलाहाबाद विश्वविद्यालय के मुस्लिम छात्रावास में बनी थी।

उमेश पाल और उनके सुरक्षा रक्षक की हत्या के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कड़ा संदेश दिया था। मुख्यमंत्री ने कहा था कि अपराधियों को मिट्टी में मिला देंगे, जिसकी शुरुआत हो चुकी है। इस कांड में क्रेटा कार चलानेवाला अरबाज ढेर हो चुका है। पुलिस का दावा है कि इस प्रकरण में सम्मिलित सभी आरोपियों की उसने पहचान कर ली है। पुलिस सूत्रों के अनुसार इस हत्याकांड की योजना का दायरा बहुत बड़ा है। जो साबरमती जेल, बरेली जेल और प्रयागराज तक विस्तृत है।

अतीक की थी योजना!
प्रयागराज और आसपास के जिले में माफिया अतीक अहमद का आतंक लंबे काल से रहा है। उस पर कार्रवाई करते हुए राज्य से बाहर साबरमती जेल में रखा गया है। उमेश पाल की हत्या का षड्यंत्र बनानेवाला अतीक अहमद है। उसने इस योजना पर काम करने की जिम्मेदारी बरेली जेल में बंद अपने भाई अशरफ को सौंपी थी। जिसके बाद इस योजना पर काम शुरू हुआ।

शूटरों का हुआ चयन
अतीक की योजनानुसार अशरफ ने जेल से शूटरों के नाम तय किये, इन सबको जेल में बुलाकर उनसे मिला और योजना समझाया। इसके बाद योजना को लागू करने का कार्य संभाला सदाकत ने। सदाकत इलाहाबाद विश्वविद्यालय के मुस्लिम हॉस्टेल के कमरा नंबर 36 में अवैध रूप से रहता था। सूत्रों के अनुसार इसी हॉस्टल में शूटरों की बैठक हुई थी। यहीं रेकी की गई और कैसे हत्या को अंजाम दें इसका फुल प्रूफ चार्ट बना। कार्रवाई के बाद 13 आरोपियों में से 2 को छोड़ सभी भागने की कोशिश में थे। यह 2 आरोपी अतीक अहमद और उसका भाई अशरफ हैं, जो पहले से ही जेल में बंद हैं। ऐसी जानकारी है कि इस हत्याकांड को अतीक अहमद का बेटा मोहम्मद असद अहमद लीड कर रहा था। जिसके साथ व्हाट्स ऐप कॉल के जरिये दोनों संपर्क में थे।

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ऐसे हुई हत्या
उमेश पाल न्यायालय से धूमनगंज अपने घर लौटे थे, गली में पहुंचने पर उनका गनर नीचे उतरा, उसके बाद उमेश पाल कार से नीचे उतरे। तभी गोलियों की बैछार हो गई। उमेश पाल का पीछा एक क्रेटा गाड़ी कर रही थी। जबकि कई लोग गली के बाहर इंतजार में थे। इस कांड में कुल 13 लोगों की टीम काम कर रही थी। गोलियों के अलावा उमेश पाल की हत्या में बम का भी उपयोग किया गया है।

शूटरों की पहचान सामने आई
धूमनगंज में हुई उमेश पाल की हत्या के बाद जो सीसीटीवी फुटेज सामने आया, उसके अनुसार पुलिस ने आरोपियों की पहचान कर ली है। जिसमें अतीक अहमद का बेटा असद, बम फेंकनेवाला गुड्डू मुस्लिम, गुलाम और अरबाज दिखे हैं। इसमें पांचवा आरोपी सदाकत खान है और छठवां साबिर था। इसके अलावा अन्य आरोपियों की पहचान की जा रही है।

अतीक का परिवार जेल में
अतीक अहमद को गुजरात के साबरमती जेल में रखा गया है, जबकि उसका भाई अशरफ बरेली जेल में बंद है। इसके अलावा बड़ा बेटा उमर लखनऊ की जेल में और छोटा बेटा अली प्रयागराज के नैनी जेल में बंद है।

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