उदयपुर में तालिबानी तरीके से कन्हैयालाल तेली की निर्मम हत्या के बाद 28 जून रात 8 बजे से जारी कर्फ्यू के बीच 2 जुलाई को 4 घंटे की ढील के बाद 3 जुलाई को 10 घंटे की ढील दी गई है। 3 जुलाई की सुबह 8 बजे से शाम 6 बजे तक दी गई है। इस ढील के दौरान कर्फ्यू क्षेत्र में बाजार खुले हैं, हालांकि घटनास्थल के आसपास कम ही दुकानें खुली हैं। अन्य क्षेत्रों में कुछ ऐसी दुकानें और कार्यालय भी खुले हैं, जो अमूमन रविवार को अवकाश रखते हैं। हालांकि, खरीदारी का जोर किराणा और सब्जी पर ही ज्यादा है। शहर में इंटरनेट सेवाएं बंद रही। इंटरनेट बंद होने से पीटीईटी परीक्षार्थियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा।
3 जुलाई का ऐसा है हाल
2 जुलाई को ढील में ज्यादा दुकानें नहीं खुली थीं, लेकिन 3 जुलाई को कचोरी-समोसे वालों ने भी सुबह से तैयारी की और कुछ घंटों के लिए उन्होंने अपना कारोबार किया। यही स्थिति मावा व्यवसायियों की रही। कर्फ्यू के चलते अचानक फ्रिज में बंद रह गए माल को संभाला गया। 3 जुलाई को बाहर से सामान्य रूप से आने वाला माल भी आया। हालांकि, माल आते ही उसे खपाने की भी चिंता की गई। तीन दिन से बाहर से माल पूरे उदयपुर में नहीं आ रहा था क्योंकि कर्फ्यू क्षेत्र के बाहर का हिस्सा भी बंद था।
3 जुलाई का ऐसा रहा हाल
इससे पहले, 2 जुलाई रात को इंटेलीजेंस फेल्योर के मामले में सीआईडी एसएसबी के एएसपी राजेश भारद्वाज को भी निलम्बित कर दिया गया। आपको बता दें कि अब तक इस मामले में एक एएसआई भंवरलाल, धानमण्डी एसएचओ गोविन्द सिंह, सूरजपोल एसएचओ लीलाधर मालवीय, डिप्टी जितेन्द्र आंचलिया, डिप्टी जरनैल सिंह, एएसपी सिटी अशोक मीणा को निलम्बित किया जा चुका है। एसपी मनोज कुमार और आईजी हिंगलाजदान उदयपुर से हटाए जा चुके हैं।
जांच जारी
उल्लेखनीय है कि कन्हैया हत्याकांड के चारों आतंकियों 2 जुलाई को जयपुर की एनआईए कोर्ट में पेश किया गया था, जहां से चारों को 12 जुलाई तक एएनआई को रिमांड पर भेजा गया। इधर, आरोपितों के भाजपा के कनेक्शन पर भी चर्चा जारी है। माना जा रहा है कि इसकी भी विभिन्न पहलुओं पर जांच हो सकती है। इसमें एक बिन्दु यह भी माना जा रहा है कि कहीं यह भाजपा में भी रैकी की मंशा से तो अपनी सक्रियता नहीं दिखा रहे थे।