महाराष्ट्र में लव जिहाद के कितने मामले? मंत्री लोढ़ा ने किया सनसनीखेज खुलासा

राज्य सरकार ने पिछले साल दिसंबर में अंतरजातीय और अंतरधार्मिक विवाहों की जानकारी एकत्र करने के लिए एक समिति के गठन की घोषणा की थी।

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महाराष्ट्र में लव जिहाद के एक लाख से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं। लव जिहाद के मामले सामने आने से कहीं न कहीं समाज व्यथित है। प्रदेश भर में लव जिहाद और महिलाओं के खिलाफ हिंसा के मुद्दों पर बड़ी संख्या में मोर्चे निकाले जा रहे हैं। मंत्री मंगलप्रभात लोढ़ा ने कहा कि प्रदेश में दोबारा श्रद्धा वालकर हत्याकांड को रोकने की जिम्मेदारी सरकार की है। लोढ़ा अंतर्धार्मिक विवाह परिवार समन्वय समिति के बारे में पूछे गए एक प्रश्न का उत्तर दे रहे थे।

लोढ़ा ने कहा-  हम महिला सुरक्षा, सशक्तिकरण की बात करते हैं और लव जिहाद तथा महिलाओं के खिलाफ हिंसा के मुद्दे पर राज्य भर में बड़ी संख्या में मोर्चा निकाले जा रहे हैं। महाराष्ट्र में लव जिहाद के एक लाख से ज्यादा मामले सामने आने से समाज कहीं न कहीं व्यथित है। मैं इंटरफेथ मैरिज कमेटी के बारे में बात नहीं करना चाहता। पहले जीआर पढ़ लो, पढ़ने के बाद तुम जहां बुलाओगे मैं आ जाऊंगा। जीआर में एक भी शब्द ऐसा नहीं है, जो किसी के धर्म या व्यक्तिगत जीवन में हस्तक्षेप करता हो। लेकिन महाराष्ट्र में श्रद्धा वालकर हत्याकांड को फिर से होने से रोकने की जिम्मेदारी सरकार की है। श्रद्धा वालकर के 35 टुकड़े कर दिए गए थे। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि उसे किसने मारा, कौन मरा। महिला बाल विकास विभाग शादी के बाद परिवार से संपर्क टूट चुकी लड़की का संपर्क फिर से स्थापित करने का प्रयास करेगा।

समिति गठन की घोषणा
राज्य सरकार ने पिछले साल दिसंबर में अंतरजातीय और अंतरधार्मिक विवाहों की जानकारी एकत्र करने के लिए एक समिति के गठन की घोषणा की थी। राज्य महिला एवं बाल विकास विभाग ने 13 दिसंबर को एक जीआर जारी कर कहा था कि अंतर्जातीय/अंतरधार्मिक विवाह परिवार समन्वय समिति (राज्य स्तरीय) मुख्य रूप से विवाह की संख्या के आधार पर आंकड़े तैयार करेगी। राज्य सरकार की इंटरफेथ मैरिज फैमिली कोऑर्डिनेशन कमेटी को जनवरी तक 152 अंतधर्मीय मैरिज की जानकारी मिली थी। कमेटी के सदस्यों के जरिए 152 मामले प्रकाश में आए हैं। कमेटी का नाम जारी होने के बाद परिवार के कुछ लोगों ने उनसे संपर्क किया। ज्यादातर मामलों में सदस्यों ने बताया कि उनका अपने बच्चों से संपर्क टूट गया है। मंगलप्रभात लोढ़ा ने कहा कि उन्हें संवाद फिर से स्थापित करने या परामर्श लेने की जरूरत है।

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