पश्चिम बंगाल में कथित रुप से राज्य प्रायोजित हिंसा के खिलाफ 29 अप्रैल को इंडिया गेट पर शांतिपूर्ण कैंडल मार्च निकाला जाएगा। इस कैंडल मार्च में हिंसा से पीड़ित परिवार के लोग शामिल होंगे ।
वर्ष 2018 के बाद से पश्चिम बंगाल राज्य में कुछ समूहों और समुदायों से जुड़े विशेष समूहों तथा व्यक्तियों के खिलाफ कथित रुप से राज्य प्रायोजित हिंसा हो रही है। खासकर 2 मई 2021 के बाद बंगाल में अभूतपूर्व आतंक , अराजकता और हिंसा का शासन शुरू हुआ। यह कथित रूप से गुंडो और असामाजिक तत्वों के जरिए सक्रिय रूप से सत्ताधारी सरकार और सत्ता में शामिल राजनीतिक दल द्वारा कराया जा रहा था।
लॉयर्स फॉर जस्टिस का आरोप
लॉयर्स फॉर जस्टिस के अध्यक्ष कबीर शंकर घोष ने कहा कि वकीलों का एक संगठन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और गृहमंत्री अमित शाह से मिलकर राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग करेगा। उन्होंने कहा कि बंगाल में 3 लाख से अधिक लोग बेघर हो गए हैं ।उन्हे उनके घरों से निकाल दिया गया क्योंकि वे एक विशेष धर्म के थे या विशेष संगठनों से जुड़े हुए थे। महिलाओं को उनके घरों से बाहर खींच लिया गया और उनके परिवारों के सामने बलात्कार किया गया । मिदनापुर जिले में 65 साल से अधिक उम्र की एक दादी मां के साथ उसके नानी -पोतों के सामने बलात्कार किया गया । पूरे परिवार को ये घिनौना कृत्य देखने के लिए बेबस किया गया । इस मामलें की जांच सीबीआई कर रही है । मध्य बंगाल में सरकारी एंबुलेस में एक नाबालिग लड़की को उठा लिया गया और मेडिकल सुपरिटेंडेट के चैम्बर में उसका बलात्कार किया गया । स्थानीय पुलिस ने एफआईआर दर्ज नही की। अब इस मामले की जांच भी सीबीआई कर रही है।