युद्धग्रस्त यूक्रेन की पश्चिमी सीमा पर बेलारूस की सेनाओं का जमावड़ा शुरू हो गया है। यूक्रेन और पोलैंड की सीमाएं मिलती हैं। इससे नाटो सदस्य पोलैंड की सीमा पर तनाव बढ़ने की आशंका बढ़ रही है। अमेरिकी राष्ट्रपति के पोलैंड की यात्रा को देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद रखी गई है।
आम धारणा है कि छोटे से देश बेलारूस में रूस की कठपुतली सरकार है। यह मोटे तौर पर अपनी सुरक्षा के लिए रूस की सेना पर निर्भर है। यह देश कभी सोवियत संघ का एक हिस्सा होता था। रूस के लगातार हमलों के बीच यूक्रेने के पश्चिम में स्थित अब बेलारूस की सीमा पर सेना का जमावड़ा होने लगा है। बेलारूस में विपक्ष की नेता श्वेतलाना ने ट्वीट कर कहा है कि बेलारूस का पोलैंड की सीमा पर सेना का जमावड़ा दुखद और मौजूदा संकट को बढ़ावा देने वाली कार्रवाई है।
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नाटो के सदस्य देश सतर्क
दरअसल, युद्धग्रस्त यूक्रेन से जान बचाकर करीब 30 लाख शरणार्थी पोलैंड के शरणार्थी शिविरों में रह रहे हैं। पोलैंड की सरकार उन्हें मानवीय आधार पर सुरक्षा और जीवनयापन की सुविधाएं दे रही हैं। यही नहीं, अमेरिका और पश्चिमी देशों की ओर से मानवीय सहयोग के अलावा यूक्रेन को अस्त्र-शस्त्र भी इसी मार्ग से पहुंचाए जा रहे हैं। हाल ही में रूसी सेना की ओर से मिसाइल से यूक्रेन के पश्चिमी छोर पर एक आयुध भंडार पर हमला करने के बाद नाटो के सदस्य देश सतर्क हो गए हैं।
पोलैंड के प्रधानमंत्री से मिलेंगे बाइडेन
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन अपने यूरोपीय दौरे पर 26 मार्च को वारसा (पोलैंड) पहुंच रहे हैं। वे पोलैंड के प्रधानमंत्री से भी मिलेंगे और सुरक्षा बंदोबस्त चाक चौबंद किए जाने पर चर्चा करेंगे।