शोभायात्राओं में हिंसा की पूर्व जस्टिस की अध्यक्षता वाली कमेटी से जांच की मांग खारिज, सर्वोच्च न्यायालय ने की यह टिप्पणी

सर्वोच्च न्यायालय ने देश के कई शहरों में रामनवमी और हनुमान जयंती के मौके पर हुई हिंसा की सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली कमेटी से जांच की मांग खारिज कर दी है।

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सर्वोच्च न्यायालय ने देश के कई शहरों में रामनवमी और हनुमान जयंती के मौके पर हुई सांप्रदायिक हिंसा की सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली कमेटी से जांच की मांग को खारिज कर दिया है। जस्टिस एल नागेश्वर राव की अध्यक्षता वाली बेंच ने याचिका खारिज कर दी।

सांप्रदायिक हिंसा की जांच करने की मांग की
वकील विशाल तिवारी ने याचिका दायर कर देश के कई शहरों में रामनवमी और हनुमान जयंती के मौके पर हुई सांप्रदायिक हिंसा की जांच करने की मांग की गई थी। याचिका में कहा गया था कि सांप्रदायिक हिंसा की एकतरफा जांच चल रही है। ऐसी हिंसा की सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली कमेटी से जांच कराई जाए।

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सुनवाई के दौरान कोर्ट ने याचिकाकर्ता से पूछा कि आपको क्या लगता है कि पूर्व चीफ जस्टिस खाली होंगे। आप ऐसी मांग कर रहे हैं जिसे हम पूरा नहीं कर सकते हैं।

बता दें कि हनुमान जयंती के मौके पर दिल्ली के जहांगीरपुरी में शोभायात्रा निकाले जाने के दौरान हिंसा हुई थी। इसके अलावा मध्य प्रदेश और देश के दूसरे हिस्सों में भी हिंसा की छिटपुट घटनाएं घटीं।

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