Maharashtra: वक्फ बोर्ड को 10 करोड़ रुपये देने का फैसला रद्द, जानें देवेंद्र फडणवीस ने ट्वीट कर क्या कहा

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में जीत के बाद महायुति गठबंधन में सीएम पद को लेकर चर्चाएं जारी हैं। इस बीच महायुति सरकार ने फैसले लेने भी शुरू कर दिए हैं।

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महाराष्ट्र प्रशासन (Maharashtra Administration) ने प्रशासनिक खर्चों (Administrative Expenses) के लिए वक्फ बोर्ड (Wakf Board) को 10 करोड़ रुपये मंजूर करने का फैसला किया है। भाजपा (BJP) के विरोध (Protest) के बाद महज 24 घंटे में ही इस फैसले को रद्द कर दिया गया है। चूंकि कार्यवाहक सरकार (Caretaker Government) यह फैसला नहीं ले सकती, इसलिए प्रशासन इस फैसले को वापस लेने में आनाकानी कर रहा है।

मुख्य सचिव ने फैसला वापस ले लिया
राज्य प्रशासन ने विधानसभा चुनाव से पहले वक्फ बोर्ड को बुनियादी ढांचे और मजबूती के लिए 10 करोड़ रुपये आवंटित करने का फैसला किया था। अधिकारियों ने इस संबंध में गुरुवार 28 नवंबर को जीआर जारी किया। इस पर भाजपा ने कड़ी आपत्ति जताई। मुख्य सचिव सुजाता सौनिक ने कहा कि राजनीतिक हलके में इधर-उधर की चर्चा शुरू होने के बाद सरकार ने यह फैसला वापस ले लिया है।

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जब राज्य में कार्यवाहक सरकार होती है, तो अधिकारी इस तरह का पारस्परिक आदेश जारी नहीं कर सकते। साथ ही कोई रणनीतिक निर्णय भी नहीं लिया जा सकता। इसके बावजूद सरकार की ओर से वक्फ बोर्ड को 10 करोड़ का फंड देने का आदेश जारी किया गया। यह एक प्रशासनिक त्रुटि थी। इसलिए राज्य के मुख्य सचिव ने संबंधित अधिकारियों को इस गलती को तुरंत सुधारने का निर्देश दिया।

हालांकि, चुनाव नतीजों के बाद महायुति सरकार ने वक्फ बोर्ड के कामकाज और बुनियादी ढांचे को बढ़ाने के लिए फंड को मंजूरी दे दी है। महाराष्ट्र सरकार ने वित्त वर्ष 24-25 में अल्पसंख्यकों के कल्याण के लिए वक्फ बोर्ड को 10 करोड़ रुपये आवंटित करने का फैसला किया था।

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