उत्तराखंड (Uttarakhand) के बहुचर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड (Ankita Bhandari Murder Case) पर दो साल से ज्यादा समय बाद शुक्रवार (30 मई) को कोर्ट का फैसला आ गया है। आज कोटद्वार के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश की कोर्ट ने हत्याकांड में अपना फैसला सुनाया है। कोर्ट ने इस हत्याकांड में पुलकित आर्य (Pulkit Arya), सौरभ भास्कर (Saurabh Bhaskar) और अंकित गुप्ता (Ankit Gupta) को दोषी करार दिया है। तीनों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। पुलकित आर्य तत्कालीन भाजपा नेता विनोद आर्य का बेटा है। मामला सामने आने के बाद भाजपा ने विनोद आर्य को पार्टी से निष्कासित कर दिया था।
अंकिता भंडारी हत्याकांड में पुलकित आर्य को आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत आजीवन कारावास और जुर्माने की सजा सुनाई गई। सह आरोपी सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता को भी आजीवन कारावास और जुर्माने की सजा सुनाई गई। वहीं पीड़ित परिवार को 4 लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा की गई है।
अंकिता की हत्या में कौन-कौन शामिल हैं?
दरअसल, अंकिता भंडारी की हत्या 18 सितंबर 2022 को उत्तराखंड के पौड़ी जिले में हुई थी। अंकिता भंडारी यमकेश्वर स्थित वनतंत्रा रिसॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट के पद पर कार्यरत थी। अचानक अंकिता भंडारी रिसॉर्ट से लापता हो गई और उसका शव नहर में मिला, जिसके बाद हड़कंप मच गया। रिसॉर्ट संचालक पुलकित आर्य ने अपने दो साथियों सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता के साथ मिलकर अंकिता भंडारी की हत्या कर दी। उन्होंने अंकिता भंडारी को नहर में धक्का दे दिया। फिलहाल इस मामले में रिसॉर्ट संचालक पुलकित आर्य और दो अन्य साथी सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता जेल में हैं।
अंकिता की हत्या के पीछे क्या वजह थी?
जानकारी के अनुसार, अंकिता और पुलकित आर्य के बीच किसी बात को लेकर विवाद हुआ था। इस विवाद के बाद रिसॉर्ट संचालक पुलकित आर्य ने सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता के साथ मिलकर अंकिता की हत्या कर दी। इस मामले में तीनों आरोपियों को 23 सितंबर को गिरफ्तार किया गया था। बाद में पूछताछ में उन्होंने हत्या की बात भी स्वीकार कर ली। तीनों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत भी मामला दर्ज किया गया था।
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