Operation Sindoor: देश को सीमा पार से ज्यादा अंदरूनी दुश्मनों से खतरा! जानिए रक्षा विशेषज्ञों ने क्या कहा

महाराष्ट्र के पूर्व पुलिस महानिदेशक आईपीएस प्रवीण दीक्षित ने हिंदुस्थान पोस्ट से बातचीत में आगाह करते हुए यह बात कही है। महाराष्ट्र के पूर्व डीजीपी ने कहा, 'आंतरिक सुरक्षा बहुत जरूरी है और सामाजिक खतरों की पहचान की जानी चाहिए।

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– नरेश वत्स 

भारत (India) की सेना ने पाकिस्तान (Pakistan) स्थित आतंकी हमलों (Terror Attacks) को नष्ट करके अदम्य सैन्य शक्ति, तकनीक और सटीकता का परिचय दिया। भारतीय सेना (Indian Army) देश की सीमाओं (Borders) की रक्षा बहादुरी से कर रही है। लेकिन भारत को बाहरी ताकतों यानी पाकिस्तान, चीन और अन्य आपदाओं और संकटों से ज्यादा आंतरिक दुश्मनों से खतरा है। महाराष्ट्र के पूर्व पुलिस महानिदेशक आईपीएस प्रवीण दीक्षित ने हिंदुस्थान पोस्ट से बातचीत में आगाह करते हुए यह बात कही है। महाराष्ट्र के पूर्व डीजीपी ने कहा, ‘आंतरिक सुरक्षा बहुत जरूरी है और सामाजिक खतरों की पहचान की जानी चाहिए। मौजूदा स्थिति ऐसी है, जैसे किसी ने रेलवे, संचार चैट, प्रमुख शोध संस्थानों जैसे कुछ महत्वपूर्ण इन्सुलेशन पर घेराबंदी कर दी हो। इसमें कई अज्ञात लोग हैं और वे रोहिंग्या, बांग्लादेशी हो सकते हैं। इसलिए, आज सरकारी अधिकारियों पर जिम्मेदारी आ गई है कि वे ऐसी व्यवस्था बनाएं ,जिससे हमारे सभी संस्थान सुरक्षित रहकर स्वतंत्र रूप से कार्य कर सकें।’

फर्जी नैरेटिव सबसे बड़ा खतरा
प्रवीण दीक्षित कहते हैं कि वर्तमान में सबसे बड़ा खतरा फर्जी नैरेटिव है। किसी लॉबी ने वीडियो भेजकर अपने ही दुश्मनों से हम पर हमला करवाया है। उन्होंने एक मराठी समाचार पत्र द्वारा दी गई खबर का हवाला देते हुए कहा कि उसने पाकिस्तान और रूस के बीच एक प्रोजेक्ट को लेकर खबर छापी थी। हालांकि, तरुण भारत, दूरदर्शन और अन्य मीडिया ने कहा कि यह फर्जी खबर है। रूस ने खुद कहा कि ऐसा कोई समझौता नहीं हुआ है। इसलिए हमें उन लोगों का सामना करना होगा, जो एक खास अखबार पढ़ते हैं और हमारे दिमाग में झूठी कहानियां फैलाते हैं। यह स्पष्ट है कि इस तरह के हमलों के पीछे कौन है। इसके पीछे पाकिस्तान की आईएसआई है।

साइबर हमला सबसे बड़ी चुनौती
देश की आंतरिक सुरक्षा को खतरा साइबर हमलों से भी है। प्रवीण दीक्षित कहते है कि 7, 8 और 9 मई को युद्ध जैसे हालात के दौरान भारत पर 3,000 से अधिक साइबर हमले हुए और इनमें से अधिकांश हमले भारत में बैठे पाकिस्तानियों द्वारा किए गए, जो उनकी मदद कर रहे थे। हम सभी को अपनी उदासीनता त्याग कर प्रशासन को ऐसे संदिग्ध लोगों के बारे में सूचित करना चाहिए, जो भारत की संवेदनशील जानकारी पाकिस्तान को दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि जब हम सभी जागरूक नागरिक बनेंगे, तभी भारत सुरक्षित हो पाएगा।

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नक्सलवादः बड़ा खतरा
वामपंथी उग्रवाद जिसे अक्सर नक्सलवाद के रूप में जानते हैं। देश की सबसे गंभीर आंतरिक सुरक्षा चुनौतियों में से एक है। इस आंदोलन का उद्देश्य सशस्त्र विद्रोह और समानांतर शासन संरचनाओं के माध्यम से भारत को कमजोर करना है। 1967 में नक्सलबाड़ी आंदोलन की शुरुआत पश्चिम बंगाल से शुरू हुई। इसके बाद यह मुख्य रूप से रेड कॉरिडोर में फैल गया, जिसने महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, झारखंड, केरल, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और ओडिशा के कुछ हिस्सों को प्रभावित किया।

हालांकि, हाल के वर्षो में, भारत की बहुआयामी वामपंथी उग्रवाद विरोधी रणनीति सुरक्षा प्रवर्तन, समावेशी विकास और सामुदायिक सहभागिता को मिलाकर महत्वपूर्ण सफलता प्राप्त की है। हिंसा में भारी कमी आई है। वामपंथी उग्रवाद की समस्या से समग्र रूप से निपटने के लिए मोदी सरकार ने 2015 में एक राष्ट्रीय नीति और कार्ययोजना को मंजूरी दी थी। इसमें सुरक्षा संबंधी उपायों, विकास हस्तक्षेपों, स्थानीय समुदायों के अधिकारों और हकों को सुनिश्चित करने आदि से संबंधित एक बहुआयामी रणनीति की परिकल्पना की गई। (Operation Sindoor)

आईएसआई के जासूस
पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान खुफिया एजेंसी आईएसआई के भारत में जासूसों के नेटवर्क का पर्दाफाश हुआ है। भारत के लिए ये एक बड़ी चुनौती है कि देश के भीतर ही चंद पैसों के लालच में कई भारतीयों ने पाकिस्तान को गोपनीय जानकारी उपलब्ध कराई। सुरक्षा एजेंसियों ने सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर और यूट्यूबर्स के एक नेटवर्क को ध्वस्त किया है। ज्योति मल्होत्रा, जसबीर सिंह आदि यूट्यूबर्स पाकिस्तान के लिए स्लीपर सेल के रूप में काम कर रहे थे। पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई ने दिल्ली सहित अन्य शहरों में अपने एजेंट नियुक्त किए हैं। आईएसआई की साजिश का हर रोज खुलासा हो रहा है।

खालिस्तान समर्थकों का पाकिस्तान कनेक्शन
भारत को खालिस्तान समर्थकों और पाकिस्तान के कनेक्शन से भी बड़ा खतरा है। इस बारे में बीच-बीच में खुलासे होते रहते हैं। फिलहाल एक और ऐसा ही बड़ा पर्दाफाश हुआ है। पाकिस्तानी यूट्यूबर और पूर्व पुलिसकर्मी नासिर ढिल्लो का खालिस्तानी कनेक्शन सामने आया है। वह अपने यूट्यूब चैनल और वीडियो के जरिए खालिस्तानी एजेंडा चला रहा है। नासिर ढिल्लो ने कई ऐसे वीडियो सोशल मीडिया में डाले जिसके जरिए भारत में माहौल खराब करने की साजिश रची गई। नासिर ने भारत के पंजाब के फरीदकोट जिले के कोटकपूरा इलाके में  हुई गुरु ग्रन्थ साहिब की बेअदबी मामले पर भी कई वीडियो बनाए थे। (Operation Sindoor)

नासिर ढिल्लो का खालिस्तान कनेक्शन
जानकारी के अनुसार, पाकिस्तान स्थित पंजाब पुलिस के पूर्व सब इंस्पेक्टर नासिर ढिल्लो ने ISI के कहने पर भड़काऊ वीडियो बनाया था। आईएसआई और खालिस्तान कनेक्शन किसी से छिपा नही है। कई खालिस्तानी आतंकियों को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई शह देती रही है। नासिर ढिल्लो ने सोशल मीडिया अपने कई वीडियो को वायरल किया था जिसमे वह पंजाब राज्य के सिखों को भड़का रहा था।

देखें यह वीडियो –

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