अप्रैल 2022 में गोरखनाथ मंदिर पर हमले के दोषी मुर्तजा अब्बासी को न्यायालय ने फांसी की सजा सुनाई है। लखनऊ की एनआईए कोर्ट ने मामले में दोषी करार दिया है और फांसी की सजा सुनाई है।
अब्बासी ने मंदिर पर तैनात पीएसी सिपाहियों पर खतरनाक हथियार से हमला किया था। इस दौरान उसने उनके हथियार छिनने का भी प्रयास किया था।
A special NIA court has awarded a capital punishment to Murtaza Abbasi, arrested in connection with an assault on security personnel stationed at UP’s #Gorakhnathtemple in April ,2022. Murtaza Abbasi, a chemical engineer, was arrested after a brief chase.
— ꜱᴀɴᴄʜɪᴛ (@sanchit_gs) January 30, 2023
27 जनवरी को न्यायालय ने मुर्तजा अब्बासी पर लगाए गए सभी आरोपों को सही पाया। एनआईए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश विवेकानंद शरण त्रिपाठी ने 30 जनवरी को उसे फांसी की सजा सुनाई। कोर्ट ने उसके हमले को देश के खिलाफ जंग मानते हुए उसे फांसी की सजा सुनाई।
जवानो ने दबोचा
गोरखनाथ मंदिर पर हमले के बाद जवानों ने उसे पकड़ लिया था। इस हमले में दो जवान जख्मी हो गए थे। हमलावर की पहचान जिहादी मुर्तजा अब्बासी के रूप में हुई थी। हालांकि उस पर पहले से ही एटीएस की नजर थी, लेकिन वह उसे चकमा देकर बच निकलता था।
नेपाल से लौटा था जिहादी
हमले के दिन अब्बासी नेपाल से लौटा था। इससे एक दिन पहले ही एटीएस ने उसके घर पर छापेमारी की थी। लेकिन वह पहले ही भागने में सफल हो गया था। वापस आने पर उसने गोरखनाथ मंदिर के बाहर आतंकी हमला कर दो जवानों को घायल कर दिया था। हमले के समय उसने अल्लाह-हु-अकबर का नारा लगाया था। हालांकि बांस से उसके हाथ पर हमला कर उसके हथियार को गिरा दिया गया था और जवानों ने उसे दबोच लिया था। उसके पास से उर्दू भाषा में लिखी धार्मिक किताब बरामद हुई थी। इस मामले में विनय कुमार मिश्र ने गोरखनाथ पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई थी।