न्यायदेवता ने दी नुपुर शर्मा को बड़ी राहत, षड्यंत्रों का अब होगा सही हिसाब!

नुपुर शर्मा ने जो कुछ भी कहा वह टिप्पणी नहीं बल्कि मुस्लिम पक्षकार के हमलों का उत्तर था। इसके बाद भी प्रकरण सिर्फ नुपुर शर्मा पर दर्ज किये गए।

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भारतीय जनता पार्टी की प्रवक्ता रही नुपुर शर्मा को बड़ी राहत मिली है। उनकी याचिका पर सर्वोच्च न्यायालय ने आदेश दिया है कि, नुपुर शर्मा पर दर्ज सभी प्रकरण दिल्ली पुलिस के पास स्थानांतरित कर दिये जाएं। उन सभी प्रकरणों की जांच अब दिल्ली पुलिस ही करेगी। इसके अलावा गिरफ्तारी पर भी रोक लगा दी है।

एक निजी समाचार चैनल के कार्यक्रम में नुपुर शर्मा ने मुस्लिम पक्षकार के हिंदू देवताओं के विरोध में बोलने पर करारा उत्तर दिया था। उन्होंने पैगंबर मोहम्मद के जीवन को उद्धृत कर दिया, इससे खिसियाए मुस्लिम पक्षों ने नुपुर के विरुद्ध नियोजित पद्धति से हमला करना शुरू कर दिया। इसके अंतर्गत 8 राज्यों में नुपुर शर्मा के विरुद्ध शिकायतें पंजीकृत कराई गईं। इन प्रकरणों को लेकर नुपुर ने सर्वोच्च न्यायालय में न्याया की गुहार लगाई थी। जिसका निर्णय बड़ी राहत के रूप में आया है।

नहीं होगी गिरफ्तारी, सुनवाई भी दिल्ली में स्थानांतरित
नुपुर शर्मा का प्रकरण सर्वोच्च न्यायालय में न्यायाधीश सूर्य कांत और न्यायाधीश जे.बी पारडीवाला के विशेष बेंच के समक्ष सुनवाई के प्रलंबित थी। इसमें नुपुर शर्मा ने 26 मई, 2022 को एक टीवी डिबेट में बयान को लेकर दर्ज कराए गए प्रकरणों को दिल्ली में स्थानांतरित करने की मांग की थी। इस पर सुनवाई करते हुए सर्वोच्च न्यायालय ने 1 जुलाई की सुनवाई में नुपुर शर्मा को फटकार लगाई थी। इसके बाद की सुनवाई में न्यायालय ने 10 अगस्त तक गिरफ्तारी पर रोक लगा दी, जो अब जांच पूरी होने तक उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है।

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रचा गया षड्यंत्र
नुपुर शर्मा के विरुद्ध एक सुनियोजित षड्यंत्र रचा गया था। जिसमें पॉप्युलर फ्रंट ऑफ इंडिया जैसे कट्टरवादी इस्लामी संगठनों की भूमिका है। इसी के अंतर्गत उदयपुर में कन्हैयालाल और अमरावती के उमेश कोल्हे की जघन्य हत्याएं की गईं थीं। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत को बदनाम किया गया, जिसकी पुष्टि कुछ दिनों पहले गिरफ्तार पीएफआई के गुर्गों से पूछताछ में हो चुकी है। नुपुर शर्मा को भी जान से मारने के लिए लगातार धमकियां दी जा रही हैं।

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