कृषि कानूनों के विरोध में 48 दिनों से आंदोलन कर रहे किसानों को सुप्रीम कोर्ट से राहत तो नहीं मिली है लेकिन उन्हें थोड़ी-सी तसल्ली जरुर मिली है। इन तीनों कानूनों को लेकर कोर्ट ने आंदोलन कर रहे किसानों पर कड़े रुख के लिए कोर्ट ने केंद्र सरकार को आड़े हाथों लिया है। कोर्ट ने कहा कि हम आपके कदम से खुश नहीं हैं, अगर आप कानूनों पर रोक नहीं लगाते तो हम उस पर रोक लगा देंगे। सुप्रीम कोर्ट ने 11 जनवरी को इस मामले की सुनवाई को सुरक्षित रख लिया। अब इसकी सुनवाई 12 जनवरी को होगी।
The Union of India must take responsibility for all this. You (Centre) are bringing the laws and you can do it in a better manner, says CJI during hearing on farm laws pic.twitter.com/EklLcpAPKp
— ANI (@ANI) January 11, 2021
चली सुनवाई की खास बातें
- सुप्रीम कोर्ट ने किसानों से पूछा कि इतनी ठंड में आंदोलन में महिलाएं और बच्चे क्यों शामिल है? 26 जनवरी को किसानों के ट्रैक्टर मार्च पर कोर्ट ने कहा कि दिल्ली में कौन आ रहा है और कौन नहीं, .ये तय करना हमारा नहीं, पुलिस का काम है।
- किसी को प्रदर्शन करने से रोका नहीं जा सकता। इतने दिनों से सरकार किसानों से क्या बात कर रही है
- कृषि काननों को समझने और समीक्षा करने के लि हम एक कमेटी बना रहे हैं। तबतक कानूों को रोका जा सकता है
- किसानों के आंदोलन में वहां जैसे हालात हैं, उससे कुछ भी हो सकता है हम नहीं चाहते हैं कि आंदोलन में कोई घायल हो।
- केंद्र सरकार को आंदोलन का समाधान तलाशना चाहिए।
- हमारे समक्ष एक भी ऐसी अर्जी दायर नहीं की गई है, जिसमें कहा गया हो कि ये तीनों कानून किसानों के लिए फायदेमंद हैं।
- हम चाहते हैं कि मामले का हल बातचीत से निकले, लेकिन मामले में फिलहाल रोक लगाने को लेकर केंद्र की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
- हम पर आंदोलनकारी किसानों को भरोसा हो, या नहीं हम शीर्ष अदालत हैं, हम अपना काम करेंगे।
- केंद्र सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि कई राज्यों ने इन कृषि कानूनों को लागू किया है। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हमें मालूम नहीं कि आप समाधान हैं, या समस्या।
करनाल में 800 किसानों के खिलाफ मामला दर्ज
इस बीच हरियाणा के करनाल- कैमाल में हंगामा और तोड़फोड़ करने के आरोप में कुल 800 आंदोलनकारी किसानों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। 10 जनवरी को प्रदर्शनकारी हंगामा कर रहे थे, तब आईपीएस अधिकारियों के साथ ही प्रशासन के अधिकारी भी मौजूद थे, लेकिन उनके सामने वे भी मजबूर नजर आ रहे थे।
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71 लोगों के खिलाफ नामजद मामला दर्ज
इस मामले में 71 प्रदर्शनकारियों के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज किया गया है। जबकि कुल 800 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। इन आंदलनकारियों में भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष गुरनाम सिंह के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया है। बता दें कि किसान महापंचायत में मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर को भी आना था, लेकिन हंगामे के कारण सीएम को अपना कार्यक्रम रद्द करना पड़ा था। आंदालनकारयों ने सीएम के मंच के साथ ही हैलीपैड पर भी कब्जा कर लिया था। इसके साथ ही प्रदर्शनकारियों ने बड़े पैमाने पर तोड़फोड़ भी की थी।