South Korea के राष्ट्रपति चुनाव में ली जे-म्युंग की जीत, मार्शल लॉ लगाने वाले येओल की पार्टी की करारी हार

दक्षिण कोरिया के ली जे-म्यांग ने राष्ट्रपति चुनाव में जीत हासिल की, छह महीने पहले उन्होंने सैन्य बैरिकेड्स को चकमा देकर तत्कालीन राष्ट्रपति यूं सूक येओल के चौंकाने वाले मार्शल लॉ के फैसले के खिलाफ वोट दिया था।

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South Korea : दक्षिण कोरिया में लंबे राजनीतिक अस्थिरता और मार्शल लॉ (Martial Law) के बाद हुए विशेष राष्ट्रपति चुनाव में लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी (Liberal Democratic Party) के उम्मीदवार ली जे-म्युंग (Lee Jae-myung) ने मंगलवार को स्पष्ट जीत दर्ज करते हुए देश के नए राष्ट्रपति (President) बनने का गौरव हासिल किया।

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बुधवार सुबह साढ़े 3 बजे (स्थानीय समयानुसार) के आसपास मतों की गिनती पूरी हुई और चुनाव अधिकारियों ने घोषित किया कि ली जे-म्युंग 49 प्रतिशत से अधिक मत हासिल कर विजेता रहे। वहीं, उनके मुख्य रूढ़िवादी प्रतिद्वंद्वी किम मून-सू (Yoon Suk Yeol) 41.6 प्रतिशत वोटों के साथ पीछे रह गए। दोनों के बीच 2.5 मिलियन से अधिक वोटों का अंतर रहा।

जीत के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए नवनिर्वाचित राष्ट्रपति ली जे-म्युंग ने कहा, “मैं देशवासियों की उम्मीदों पर खरा उतरने की पूरी कोशिश करूंगा। यह एक नया आरंभ है और अब हम आशा के साथ आगे बढ़ेंगे। हम देश की एकता, आर्थिक पुनरुत्थान और कोरियाई प्रायद्वीप में शांति सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”

ली ने यह भी स्पष्ट किया कि उनका प्रशासन अमेरिका के साथ दक्षिण कोरिया की रणनीतिक साझेदारी को प्राथमिकता देगा, साथ ही उत्तर कोरिया के साथ संवाद और शांति की राह को भी अपनाएगा।

इससे पहले, मुख्य कंजर्वेटिव प्रतिद्वंद्वी किम मून सू ने बुधवार सुबह प्रेस वार्ता में अपनी हार स्वीकारते हुए कहा कि वो जनता के फैसले को विनम्रता से स्वीकार करता हैं। साथ ही उन्होंने ली जे-म्युंग को इस जीत के लिए बधाई दी और उम्मीद जताई कि नई सरकार देश को बेहतर दिशा में ले जाएगी।

उल्लेखनीय है कि यह चुनाव एक असाधारण राजनीतिक घटनाक्रम के बाद हुआ, जब पूर्व राष्ट्रपति यून सुक येओल ने छह महीने पहले आपातकाल (मार्शल लॉ) लागू कर देश में राजनीतिक संकट खड़ा कर दिया था। इसके चलते उन्हें महाभियोग के तहत पद से हटा दिया गया और देश में समय से पहले चुनाव कराए गए।

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