सर्वोच्च न्यायालय को सौंपी गई ललित मोदी की सोशल मीडिया ट्रांसक्रिप्ट, इस दिन होगी सुनवाई

सर्वोच्च न्यायालय ने 1 अगस्त, 2022 को ललित मोदी, उनकी मां बीना मोदी और उनके भाई-बहनों की संपत्ति के विवाद के निपटारे के लिए पूर्व जज जस्टिस आरवी रविंद्रन को मध्यस्थ नियुक्त किया है।

96

आईपीएल के संस्थापक ललित मोदी की ओर से सोशल मीडिया पर वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी पर की गई झूठी टिप्पणी का मामला वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने 19 जनवरी को मेंशन किया। उन्होंने ललित मोदी की ओर से सोशल मीडिया पर की गई टिप्पणी की ट्रांसक्रिप्ट सर्वोच्च न्यायालय को सौंपी। सिब्बल ने चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच के समक्ष कहा कि ललित मोदी की ओर से अंडरटेकिंग दी गई थी कि वे ऐसे बयान नहीं देंगे। हालांकि, यह मामला 14 फरवरी को लिस्ट किया गया है, लेकिन कोर्ट ने ट्रांसक्रिप्ट मिलने के बाद 27 जनवरी को सुनवाई करने का आदेश दिया।

सुप्रीम कोर्ट ने 1 अगस्त, 2022 को ललित मोदी, उनकी मां बीना मोदी और उनके भाई-बहनों की संपत्ति के विवाद के निपटारे के लिए पूर्व जज जस्टिस आरवी रविंद्रन को मध्यस्थ नियुक्त किया था। तत्कालीन चीफ जस्टिस एनवी रमना की अध्यक्षता वाली बेंच ने सभी पक्षों को मध्यस्थता के दौरान गोपनीयता बनाए रखने का निर्देश देते हुए कहा था कि सोशल मीडिया का इस संबंध में कोई इस्तेमाल न करें।

यह भी पढ़ें – न्यू जलपाईगुड़ी स्टेशन पर बड़ा हादसा, ओवरहेड तार के संपर्क में आए सेना के कई जवान

यह है मामला
ललित मोदी, बीना मोदी और उनके दो बच्चों चारू मोदी तथा समीर मोदी के बीच सिंगापुर में मध्यस्थता की कार्यवाही चल रही है। दिल्ली उच्च न्यायालय की डिवीजन बेंच में बीना, चारू और समीर मोदी ने यह दलील दी थी कि परिवार के सदस्यों के बीच एक ट्रस्ट डीड बनी है और भारतीय कानून के मुताबिक केके मोदी के पारिवारिक ट्रस्ट का विवाद देश के बाहर मध्यस्थता के जरिए नहीं सुलझाया जा सकता है। डिवीजन बेंच ने कहा था कि इस विवाद की सुनवाई दिल्ली में ही होगी। डिवीजन बेंच के आदेश के खिलाफ ललित मोदी ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। केके मोदी की 2 नवंबर, 2019 को मौत हो गई थी, जिसके बाद ट्रस्टियों के बीच विवाद शुरू हो गया था।

Join Our WhatsApp Community
Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.