शिवसेना नेता व राज्यसभा सांसद संजय राउत की जमानत अर्जी को बॉम्बे सेशंस कोर्ट ने मंजूरी दे दी है। करीब 3 महीने बाद वह जेल से छूटेंगे। पात्रा चॉल के घोटाला मामले में 31 जुलाई को संजय राउत को गिरफ्तार किया गया था। इस बीच ईडी ने उच्च न्यायालय से जमानत पर रोक लगाने का अनुरोध किया है।
ठाकरे समूह के प्रवक्ता और सांसद संजय राउत को ईडी ने पात्रा चॉल घोटाले के मामले में 31 जुलाई को गिरफ्तार किया था। उसके बाद संजय राउत को पहले ईडी और फिर न्यायिक हिरासत में भेजा गया। राउत तब से आर्थर रोड जेल में हैं। ईडी ने आरोप लगाया है कि संजय राउत पात्रा चॉल घोटाला मामले में सीधे तौर पर शामिल हैं। पात्रा चॉल घोटाले मामले का विकास संजय राउत के भाई प्रवीण राउत देख रहे थे। उन्हें एचडीआईएल ग्रुप से 112 करोड़ रुपये मिले थे। जिसमें से 1 करोड़ 6 लाख 44 हजार रुपये संजय राउत की पत्नी वर्षा राउत के खाते में ट्रांसफर किए गए। इसी पैसे से अलीबाग की जमीन खरीदी गई।
पात्रा चॉल घोटाले से राउत परिवार को सीधा आर्थिक लाभ हुआ है। ईडी ने आरोप लगाया है कि प्रवीण राउत, जिनका नाम इस मामले में शुरू में लाया गया था और जिन पर मुकदमा चलाया गया था, केवल नाम के थे, संजय राउत इस मामले में असली आरोपी हैं।
Join Our WhatsApp Community