साकीनाका में महिला से व्यभिचार और जघन्य तरीके से उसकी हत्या करने के प्रकरण में फास्ट ट्रैक न्यायालय ने निर्णय दे दिया है। इस प्रकरण में संबंधित व्यक्ति को दोषी करार देते हुए न्यायालय ने मौत की सजा सुनाई है।
10 सितंबर, 2021 को मुंबई शहर के साकीनाका में एक 34 वर्षीय महिला पर क्रूरता से हमला किया गया था। उसके साथ पहले व्यभिचार किया और उसके बाद लोहे की छड़ों से उसके अंगों को छेद दिया। इस घटना की सूचना मिलते ही साकीनाका पुलिस ने एक टैंपो से साकीनाका की निर्भया को लेकर अस्पताल पहुंचाया। इस प्रकरण में सीसीटीवी और चश्मदीदों के अनुसार मोहन चौहान नामक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया था। जिस पर बलात्कार, हत्या समेत जघन्य अपराधों के कानून के अंतर्गत सुनवाई हुई और साढ़े नौ महीने पश्चात उसे मौत की सजा न्यायालय ने सुनाई है।
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फास्ट ट्रैक न्यायालय में चला प्रकरण
इस प्रकरण ने दिल्ली में घटित निर्भया कांड की याद ताजा कर दी। साकीनाका की घटना उसी प्रकार की वेदनादायी और क्रूर थी। अस्पताल में भर्ती कराए जाने के कुछ घंटे में ही साकीनाका की निर्भया चल बसी। इस प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने बहुत ही तत्परता से कार्रवाई की और आरोपी मोहन चौहान को गिरफ्तार कर लिया। राज्य सरकार ने इस प्रकरण की सुनवाई जलद गति न्यायालय (फास्ट ट्रैक कोर्ट) को सौंप दी। इस घटना के लगभग साढ़े नौ महीने में इसका निर्णय भी न्यायालय ने दे दिया है। जिसमें मोहन चौहान के दोषी करार देते हुए उसे मौत की सजा सुनाई है।