वझे के तबादले में भी ताताथैय्या… सुबह यहां हैं शाम वहां हैं

मुंबई पुलिस के एपीआई सचिन वाझे का विवादों से लंबा नाता है। 2 दिसंबर, 2002 को घाटकोपर बम ब्लास्ट मामले के संदिग्ध ख्वाजा यूनिस की मौत के मामले में 14 लोगों पर मामला दर्ज हुआ था। जिसमें सचिन वाझे का नाम भी शामिल था। बाद में सचिन वाझे को इस मामले में निलंबित कर दिया। इस बात से नाराज वाझे ने 2007 में पुलिस सर्विस से इस्तीफा दे दिया।

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एन्काउंटर स्पेशालिस्ट सचिन वाझे का दिन फिराने में जितना विपक्ष लगा था उतना उनका दिन फिरा नहीं। सुबह का नागरी सुविधा केंद्र का स्थानांतरण शाम ढलते-ढलते सुविधानुसार बदल गया। हालांकि, इस स्थानांतरण में किसके अरमानों का एन्काउंटर हुआ ये पता लगने में अभी समय लग सकता है। इस बीच एपीआई वाझे के सिर पर वरदहस्त रखनेवालों का ताताथैय्या जारी है।

उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के पास जिलेटिन लदी एसयूवी खड़ी करने का मुद्दा दिनों-दिन नई करवट ले रहा है। मिली जानकारी के अनुसार गाड़ी के मालिक मनसुख हीरेन ने पत्र लिखकर पुलिस विभाग, सचिन वाझे, एनआईए पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाया था। इस पर कुछ कार्रवाई होती इसके पहले ही मनसुख हीरेन का शव मुंब्रा की खाड़ी से बरामद हुआ। इसके पश्चात मनसुख की पत्नी द्वारा दायर कराई गई एफआईआर में सचिन वाझे पर आशंका व्यक्त की गई है।

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24 घंटे में स्थानांतरण का स्थानांतरण
सचिन वाझे के निलंबन की मांग पर उठे विवाद पर विधान सभा के बजट सत्र का बहुत समय व्यतीत हो गया। लेकिन सरकार ने इस मांग को स्थानांतरण और जांच पर रोक लिया। सत्र की कालावधि समाप्त हो गई और विपक्ष की मंशा मन में ही रह गई। लेकिन सरकार ने विधान सभा में की गई घोषणा के अनुरूप सचिन वाझे का शुक्रवार सुबह पुलिस विभाग के नागरी सुविधा केंद्र में स्थानांतरण कर दिया। जो शाम होने के पहले ही विशेष शाखा-एक में बदल दिया गया।

पुलिस का है क्या कहना?
मुंबई पुलिस ने स्थानांतरण को लेकर अपना पक्ष रखा है। जिसके अनुसार महाशिवरात्रि को सरकारी अवकाश था। इसलिए उस दिन किया गया स्थानांतरण पर्यायी व्यवस्था के अनुरूप किया गया था।

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क्या करेंगे सचिन वाझे?
मुंबई पुलिस की विशेष शाखा में दो विभाग हैं। पहला विभाग राजनीतिक दल, राजनीतिक घटनाएं, प्रदर्शन, आंदोलन, अनशन पर नजर रखते हुए जानकारी प्राप्त करता है। पुलिस एनओसी देना, पासपोर्ट विभाग भी इसी विभाग के अधीन होता है। जबकि, दूसरे विभाग के पास विदेशी नागरिकों जिसमें विशेषकर बांग्लादेशी, पाकिस्तानी आदि पर निगाह रखना है।

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