नहीं मिला माल तो कर दिया ऐसा काम…

इस घटना ने राजस्थान पुलिस के कान खड़े कर दिये हैं। कंजड़ जनजाति के साथ घटी इस घटना में गनीमत ये रही कि मारपीट नहीं हुई अन्यथा बड़ी घटना हो जाती जिसका परिणाम बड़े स्तर होता।

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38 महिला-बच्चों के अपहरण का मामला राजस्थान में सामने आया है। इस घटना को अंजाम देने का आरोप मध्य प्रदेश के सौ लोगों पर लगा है। इस घटना के बाद राजस्थान पुलिस हरकत में आ गई है। बंधक बनाई गई महिला व बच्चे जनजातीय समुदाय से हैं।

मध्य प्रदेश के सौ पुरुषों के समूह ने राजस्थान की 38 महिलाओं और बच्चों को अपहृत कर लिया था। इन लोगों को आशंका थी कि इन परिवारों के पुरुषों ने उनकी मोटरसाइकिलें चोरी कर ली हैं। इस घटना की जानकारी मिलते ही उन्हाल पुलिस हरकत में आई और उसने कुछ घंटों में अपहृत परिवारों को एमपी ग्रामीणों के चंगुल से छुड़ा लिया। इस मामले में छह लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार भी किया है।

पुलिस का पक्ष

यह घटना राजस्थान के झालावाड़ जिले के उन्हेल पुलिस थाने के क्षेत्र में घटी। जहां मध्य प्रदेश के रतलाम जिले के आलोट पुलिस थाने के अंतर्गत आनेवाले ग्रामीणों ने महिला और बच्चों का अपहरण कर लिया था।

ये थी घटना

कंजड़ जनजातीय समुदाय से है पीड़ित परिवार। जो तंबुओं में रहते हैं। इन पर अक्सर चोरी और अपराधों को अंजाम देने का आरोप लगता रहता है। रतलाम के कलसिया गांव में बाइक चोरी होने की घटनाएं हुई थीं। जिसको लेकर कलसिया के लोगों को आशंका थी कि ये घटनाएं कंजड़ समुदाय के पुरुषों द्वारा की जा रही हैं। जिसके बाद सौ के करीब कलसिया गांव के लोग हाथों में बंदूक, धारदार हथियार लेकर बस, कार, मोटरसाइकिल से बामनदेवरिया गांव और हज्दिया गांव पहुंचे। यहां इन लोगों ने अपनी चोरी की गाड़ियों का पता लगाने के लिए कंजड़ों के तंबुओं को घेर लिया। लेकिन यहां न तो इनकी चोरी की मोटरसाइकिलें मिलीं और न ही कंजड़ समुदाय के पुरुष मिले। इससे क्रुद्ध कलसिया गांव के लोगों ने 10 महिलाओं, 20 नाबालिग किशोरियों, 8 बच्चों का अपहरण कर लिया।

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