64 यात्रियों को लेकर टनकपुर पहुंचनेवाली थी ट्रेन कि, हो गया ऐसा…

यात्री जब अपने गंतव्य तक पहुंचनेवाले होते हैं तो उन्हें एक खुशी और जल्दबाजी होती है। ट्रेन से अपने तय ठिकाने पहुंचने की। यही मन: स्थिति टनकपुर पहुंचनवाले यात्रियों की भी थी लेकिन ट्रेन ने इसे भय में बदल दिया।

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दिल्ली से टनकपुर जा रही ट्रेन में सबकुछ ठीक था। यात्री टनकपुर पहुंचने की आशा लगाए थे। स्टेशन बस पांच सौ मीटर दूर था लेकिन, इस बीच पुर्णागिरी जनशताब्दी एक्सप्रेस में हंगामा मच गया। फिल्मों में ‘द बर्निंग ट्रेन’ देख चुकी जनता अब ‘द रिटर्निंग ट्रेन’ का खतरा झेल रहे थे। उनकी ट्रेन वापस लौट रही थी। पीछे इंजन आगे डिब्बे और अनियंत्रित गति से ट्रेन दौड़ रही थी। इससे घबराए यात्री चेन खींचते रहे, फोन करते रहे लेकिन ट्रेन दौड़ती रही।

ट्रेन में जब यह घटना हुई उस समय 64 यात्री मौजूद थे। ट्रेन टनकपुर से आधा किलोमीटर दूर थी लेकिन वो अचानक वापस चल चुकी थी। ट्रेन जैसे-जैसे आगे बढ़ रही थी लोगों की घबराहट वैसे-वैसे बढ़ रही थी। इस घबराहट और परेशानी की स्थिति में ट्रेन बीस किलोमीटर की दूरी तय कर चुकी थी। ट्रेन नदाना पुल आकर रुकी। टनकपुर से खटीमा के बीच ट्रेन बनबसा चकरपुर के नौ रेलवे क्रॉसिंग बैरियर को पार चुकी थी। इस घटना की सूचना मिलते ही रेलवे विभाग ने सभी क्रासिंग को बंद करवा दिया था। इससे कोई दुर्घटना नहीं हुई।

चले थे ट्रेन से बैठना पड़ा रोडवेज में
यात्रियों को चकरपुर नदानापुल से रोडवेज की बस में बैठाकर वापस उनके गंतव्य स्थान तक पहुंचाया गया। रेलवे के अनुसार ट्रेन टनकपुर रेलवे स्टेशन से कुछ पहले ही एक जानवर ट्रेन से टकरा गई थी। इससे ट्रेन का प्रेशर पम्प फट गया था। इससे ट्रेन बैक हो गई। इस लाइन पर इसके पहले 2017 में ऐसी घटना हो चुकी है जब एक मालगाड़ी टनकपुर से खटीमा के बीच लौट गई थी। इस बीच मालगाड़ी ने 25 किलोमीटर की दूरी तय कर ली थी।

रेलवे का पक्ष
रेलवे के राजेंद्र कुमार सिंह, जनसंपर्क अधिकारी, इज्जतनगर मंडल ने बताया कि कनिष्ठ प्रशासनिक अफसरों की जांच कमेटी गठित कर दी गई है। ट्रेन बनबसा और खटीमा के बीच खड़ी कर सभी 64 यात्रियों को सड़क मार्ग से टनकपुर भेज दिया गया।

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