किसान यूनियन के हमदर्द ‘लक्खा’ का ये है खालिस्तानी राग

पंजाब में खालिस्तानी आंदोलन को पुनर्जीवित करने का प्रयास पाकिस्तान कर रहा है। इसमें कयास है कि पंजाब के अपराधियों को भी पैसे के बल पर खालिस्तानी आतंकियों ने अपने साथ कर लिया है।

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पंजाब का लक्खा सिधाना गिरोहबाज के रूप में अधिक प्रचलित है। उस पर गणतंत्र दिवस के अवसर पर लाल किला परिसर में हुई हिंसक गतिविधियों का षड्यंत्र रचने का आरोप है। दिल्ली पुलिस ने उसके विरुद्ध इस संबंध में प्रकरण दर्ज किया है। परंतु लक्खा पंजाब में घूम-घूमकर किसान आंदोलन के नाम पर खालिस्तानी टूलकिट की योजना को क्रियान्वित कर रहा है।

जिस लक्खा सिधाना की दिल्ली को तलाश है, वह पंजाब में आतंक की पुड़िया बांट रहा है। उसके इन्स्टाग्राम अकाउंट पर खालिस्तान और भिंडरावाले के असंख्य फोटो और वीडियो हैं, जो उसकी राष्ट्र विरोधी मानसिकता का बड़ा उदाहरण प्रस्तुत कर रही हैं।

लक्खा सिधाना लाल किला हिंसा प्रकरण के गिरफ्तार आरोपी दीप सिद्धू का भी समर्थक है। उसका कई विडियो लक्खा ने इन्स्टाग्राम ग्रुप पर शेयर किया है। लक्खा सिधाना के बारे में यह भी कहा जाता रहा है कि उसका संबंध विदेशों में बैठे खालिस्तानी आतंकियों से हो सकता है।

कौन है लक्खा सिधाना?
लक्खा सिधाना बीते वर्ष से पंजाबी सत्कार कमेटी के साथ जुड़कर पंजाबी भाषा को बचाने के लिए कार्य कर रहा है। इसके अलावा वह अपने साथ युवाओं को जोड़ने के प्रयत्न में है। किसान आंदोलन में उसकी गिरोहबाजी का ट्रेलर भी देखने को मिला था। 25 जनवरी को लक्खा ने सिंघु सीमा पर किसान यूनियन आंदोलन के स्टेज पर चढ़कर घोषणा की थी कि युवा जैसे चाहते हैं ट्रैक्टर परेड वैसी ही होगी।

लक्खा सिधाना का पूरा नाम लखबीर सिंह है। वह एमए तक पढ़ा है, इसके अलावा वह कबड्डी खिलाड़ी रहा है। उस पर पंजाब में हत्या, हत्या के प्रयत्न समेत कई आपराधिक प्रकरण दर्ज हैं। लक्खा सिधाना बाद में राजनीति की ओर मुड़ गया। मनप्रीत बादल की पंजाब पिपल्स पार्टी के टिकट पर लक्खा रामपुरा से विधान सभा चुनाव में खड़ा हुआ था। लेकिन उसकी जमानत जब्त हो गई। इस चुनाव में ही उस पर फायरिंग हो गई थी।

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