पुणे के रूबी हॉल क्लिनिक में हुआ किडनी व्यापार! नप गए सुप्रसिद्ध डॉक्टर व ट्रस्टी

पुणे के एक न्यायालय के आदेश के बाद 11 मई की देर रात कोरेगांव पार्क पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया। पुलिस ने धोखाधड़ी, झूठी गवाही और आपराधिक साजिश की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है।

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महाराष्ट्र की पुणे पुलिस ने किडनी व्यापार के एक मामले में 15 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। रूबी हॉल क्लिनिक पुणे के ट्रस्टी परवेज ग्रांट के खिलाफ पुणे पुलिस ने मामला दर्ज किया है। डॉ. परवेज किडनी ट्रांसप्लांट के लिए मशहूर हैं। इसके साथ ही अस्पताल की कानूनी सलाहकार मंजूषा कुलकर्णी और 15 अन्य पर भी मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने उस महिला के खिलाफ भी मामला दर्ज किया है, जिसकी किडनी फर्जी दस्तावेज तैयार कर निकाली गई थी।

इस किडनी तस्करी रैकेट का मामला कोरेगांव पार्क पुलिस थाने में दर्ज किया गया है। डॉक्टरों और अस्पताल प्रबंधन पर बिना दस्तावेजों के सत्यापन के गुमराह कर किडनी ट्रासप्लांट करने का आरोप है। कोल्हापुर की एक महिला का मार्च में 15 लाख रुपये में किडनी ट्रांसप्लांट हुआ था। इसके बाद राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने मामले में रूबी हॉल अस्पताल के अंग प्रत्यारोपण लाइसेंस को भी निलंबित कर दिया था।

15 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज
प्रारंभिक जांच रिपोर्ट में जिन 15 लोगों के नाम शामिल हैं, उनमें अस्पताल के मैनेजिंग ट्रस्टी डॉ. परवेज ग्रांट, उप चिकित्सा निदेशक रेबेका जॉन, कानूनी सलाहकार मंजूषा कुलकर्णी, कंसल्टिंग नेफ्रोलॉजिस्ट डॉ. अभय सद्रे, यूरोलॉजिस्ट हिमेश गांधी, और प्रत्यारोपण समन्वयक सुरेखा जोशी आदि शामिल हैं।

इस तरह हुआ पर्दाफाश
पुलिस ने पिंपरी चिंचवड़ के मोशी इलाके के एक मरीज के खिलाफ भी मामला दर्ज किया है। उसे किडनी मिली थी और उसकी पत्नी तथा कोल्हापुर की एक महिला, जिसने खुद को डोनर की पत्नी के रूप में पेश किया था, के साथ ही कुछ मध्यस्थों पर भी मामला दर्ज किया गया है।  प्राथमिकी में शिकायतकर्ता चिकित्सा सेवा, पुणे के उप निदेशक हैं। पता चला है कि सारिका नामक एक महिला को 15 लाख रुपये में किडनी प्रत्यारोपण की पेशकश की गई थी। हालांकि, किडनी ट्रांसप्लांट ऑपरेशन के बाद महिला को 15 लाख रुपये देने से मना कर दिया गया। इसके बाद महिला ने पुणे के कोरेगांव पार्क पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई।

क्या कहती है पुणे पुलिसः
पुणे के एक न्यायालय के आदेश के बाद 11 मई की देर रात कोरेगांव पार्क पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया। पुलिस ने धोखाधड़ी, झूठी गवाही और आपराधिक साजिश की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। मीडिया से बात करते हुए, पुणे के पुलिस आयुक्त अमिताभ गुप्ता ने कहा, “घटना सामने आने के बाद, हमने मामले को स्वास्थ्य विभाग को भेज दिया। उनसे पूछताछ के बाद स्वास्थ्य विभाग ने न्यायालय को रिपोर्ट सौंपी। कोर्ट के आदेश पर 11 मई की रात कोरेगांव पार्क थाने में मामला दर्ज किया गया है। आगे की जांच जारी है।”

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