ऐसे गूथी जा रही थी महाराष्ट्र के विरुद्ध साजिश, पुणे एटीएस के हाथ एक और सफलता

जम्मू कश्मीर में आतंकी संगठनों द्वारा पिछले कुछ दिनों में हत्या की घटनाएं बढ़ी हैं, कुल मारे गए लोगों में हिंदुओं की संख्या सबसे अधिक है। यह आतंकी अब महाराष्ट्र को भी आतंकी गतिविधि से दहलाने के षड्यंत्र रच रहे हैं।

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महाराष्ट्र के विरुद्ध आतंकी षड्यंत्र चल रहा था, जिसे पुणे एंटी टेररिस्ट स्क्वाड (एटीएस) ने फोड़ दिया है। अब नई कार्रावाई के अनुसार इसके तार जम्मू कश्मीर के आतंकियों से जुड़े होने की बात सामने आई है, इसमें एटीएस ने जम्मू के किश्तवाड़ से एक आतंकी को गिरफ्तार किया है।

किश्तवाड़ से आफताब शाह नामक आतंकी को एटीएस ने गिरफ्तार किया है। उसके दो साथी कुलगाम का हमीदुल्ला जरगर और उमर फरार हैं। जिनकी खोज की जा रही है। ये पाकिस्तान में बैठे आतंकी संगठन लष्कर ए तोएबा के आका के आदेशों पर काम कर रहे थे। इनकी जिम्मेदारी थी कि सोशल मीडिया के सहारे धार्मिक समूह बनाकर मुसलमान युवकों को स्लीपर सेल के रूप में जोड़ें।

ऐसे खुला आतंकी षड्यंत्र
23 मई, 2022 को पुणे एटीएस ने मोहम्मद जुनैद को गिरफ्तार किया था। जुनैद पुणे के दापोडी में भंगार की एक दुकान में काम करता था। वह जम्मू कश्मीर के तीन लोगों के संपर्क में था। गिरफ्तारी के बाद उसकी निशानदेही पर एटीएस ने जम्मू कश्मीर में आफताब का पता लगाया और उसे गिरफ्तार किया है। इस प्रकरण में कुलगाम का हमीदुल्ला जरगर और उमर फरार हैं।

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ऐसे कर रहे थे आतंकी कार्य
मोहम्मद जुनैद की गिरफ्तार के बाद पुणे एटीएस ने बताया कि, जुनैद लष्कर ए तोएबा के लिए निधि एकत्रिकरण, नए युवकों को भर्ती करना, शस्त्र प्रशिक्षण के लिए तैयार करने का काम करता था। उसकी डिजिटल लीड्स में एक फेसबुक एकाउंट सामने आया था, जिसके माध्यम से युवकों से संवाद स्थापित किया जाता था। उन्हें जातीयता के नाम पर भड़काया जाता था और स्लीपर सेल के रूप में समूह से जोड़ा जाता था। इसके लिए जम्मू कश्मीर के हमीदुल्ला जरगर ने ‘अंसार गजावत उल हिंद तौहीद’ नामक एक मैंसेजर ग्रुप बनाया था।

‘अंसार गजावत उल हिंद तौहीद’ का आतंकी कार्य
कुलगाम के हमीदुल्ला जरगर का ‘अंसार गजावत उल हिंद तौहीद’ नामक मैसैंजर ग्रुप वर्ष 2021 से अस्तित्व में है। इसके माध्यम से भारत के विभिन्न भागों में हुई आतंकी गतिविधियों पर चर्चा होती थी। इसके साथ ही आतंक को लेकर विभिन्न योजनाएं निर्धारित करने पर चर्चा होती थी। इसके माध्यम से युवकों का ब्रेनवॉश करके उन्हें स्लीपर सेल के रूप में उपयोग किया जाता था। ‘अंसार गजावत उल हिंद तौहीद’ का संबंध अलकायदा नामक अंतरराष्ट्रीय संगठन और लष्कर ए तोएबा से होने की साक्ष्य मिल रहे हैं।

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