बिहार में शराबबंदी के बाद कारोबार पर काबू पाने के लिए प्रशासन तरह-तरह का हथकंडा अपनाकर लगातार कार्रवाई कर रही है। सड़क मार्ग से आने वाला शराब बरामद किए जा रहे हैं। इसके बाद शराब तस्करों ने नया तरीका खोज लिया है, अब दूसरे प्रदेशों से आने वाली रेलगाड़ियां नशा एक्सप्रेस बनकर शराब तस्करी का सबसे बड़ा माध्यम बन रही है तथा ट्रेन में भी कारोबारी पार्सल के माध्यम से शराब तस्करी कारोबार का जरिया बना चुके हैं। गुप्त सूचना के आधार पर बरौनी जंक्शन की रेल पुलिस ने डाक पार्सल के माध्यम से मंगाया गया दस लाख रूपया से अधिक का शराब बरामद किया है।
इस तरह हुुआ रैकेट का खुलासा
थानाध्यक्ष ने 10 मार्च को बताया कि 15903 डिब्रूगढ़-चंडीगढ़ एक्सप्रेस तथा 15716 गरीब नवाज एक्सप्रेस के माध्यम से बरौनी जंक्शन पर आए 22 बंडल पार्सल में विदेशी शराब होने की सूचना मिली थी। सूचना मिलते ही जब बंडल को सीज कर खोला गया तो उसमें से 180 एमएल के 5520 बोतल में कुल 993 लीटर शराब बरामद किया गया है। हालांकि पार्सल मंगवाने वाले लोगों के पार्सल रिसीव करने से पहले ही छापेमारी किए जाने के कारण मामले का खुलासा नहीं हो सका है। लेकिन आरपीएफ तथा जीआरपी पुलिस बुकिंग कराने तथा पाने वालों की जांच पड़ताल कर रैकेट का खुलासा करने में जुटी हुई है।
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शराब के साथ अन्य नशीले पदार्थ भी बरामद
बरौनी रेलवे स्टेशन पर पिछले तीन महीने से प्रत्येक दिन सघन जांच में ट्रेन से शराब बरामद किए जा रहे हैं। शराब के साथ अन्य नशीले पदार्थ बरामद किए जा रहे हैं। पश्चिम बंगाल की ओर से आने वाली ट्रेन में जहां रोज शराब मिल रही है। वहीं, पूर्वोत्तर भारत से आने वाली ट्रेनों में से बड़े पैमाने पर गांजा और बड़े पैमाने पर विदेशी सिगरेट बरामद किए जा रहे हैं। अब तक रेल पुलिस पश्चिम बंगाल से आने वाली ट्रेनों की घोषणा होते ही नशा एक्सप्रेस के रूप में सघन जांच करती थी। लेकिन अब कारोबारियों ने कड़ाई होने के बाद तरीका बदल लिया तथा डायरेक्ट पार्सल के माध्यम से शराब मंगाए जा रहे हैं। फिलहाल इस नए तरीके से किए जा रहे शराब कारोबार का खुलासा होने के बाद पुलिस के वरीय पदाधिकारी गहन अनुसंधान कर रहे हैं।