मुस्लिम जमात राजी तभी बिराजेंगे गणपति जी! क्या हो रहा है हिंदुस्थान में?

भारत की स्वतंत्रता मिलने के साथ ही धर्म के आधार पर एक मुस्लिम राष्ट्र की निर्माण हुआ। इसके बाद भी हिंदू बहुसंख्यावाले हिंदुस्थान में हिंदुओं पर ही खतरे मंडरा रहे हैं। उनके विरुद्ध 'सिर तन से जुदा' जैसे जिहादी आंदोलन चलाए जा रहे हैं।

91

देश के स्वातंत्र्य समर में क्रांति की ज्योति जलाने के लिए गणेशोत्सव और छत्रपति शिवाजी महाराज जयंती को कार्यक्रम के रूप में आयोजित किया जाता था। स्वतंत्रता के अमृत महोत्सव पर परिस्थिति यह है कि, तमिलनाडु में उच्च न्यायालय ने आदेश दिया है कि, गणेशोत्सव मनाने की अनुमति के लिए मुस्लिम जमात की सहमति ली जाए। हिंदुस्थान में गणेशोत्सव मनाने के लिए मुस्लिमों की सहमति एक प्रश्न खड़ा कर रही है कि क्या हो रहा है देश में?

तमिलनाडु में महालक्ष्मी नामक एक याचिकाकर्ता ने उक्कडम दक्षिण में स्थित पुल्लकडू हाउसिंग यूनिट में गणेश मूर्ति स्थापना की अनुमति मांगी थी। इस प्रकरण की सुनवाई उच्च न्यायालय के न्यायाधीश एन.सतीश के पास चल रही थी। न्यायाधीश ने कोयंबटूर पुलिस को आदेश दिया कि, मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में गणपति मूर्तियों की स्थापना की अनुमति देने के पहले मुस्लिम जमात की सहमति ली जाए, उसके पश्चात ही पुलिस अनुमति जी जाए।

सरकारी पक्ष ने किया विरोध
इस प्रकरण में याचिकाकर्चा महालक्ष्मी ने न्यायालय के समक्ष कहा था कि, उनके क्षेत्र में सभी विनायक चतुर्थी का आयोजन करना चाहते हैं। इसमें अन्य धर्म के लोग भी सम्मिलित होना चाहते हैं। इस पर सरकारी वकील ने पक्ष रखते हुए कहा कि, जहां गणेश मूर्ति स्थापित करने की अनुमति मांगी जा रही है, वह क्षेत्र मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र से घिरा है। ऐसे में गणेशोत्सव आयोजन से कानून व्यवस्था को लेकर दिक्कत हो सकती है।

ये भी पढ़ें – गुलाम नबी आजाद, क्या आनंद, मनीष और बाबा भी करेंगे कांग्रेस को बाय-बाय! जानिये, इन नेताओं के क्या हैं तेवर

जमात की सहमति का दावा
सरकारी पक्ष द्वारा कानून व्यवस्था बिगड़ने की जो शंका उत्पन्न की गई थी, उसके उत्तर में याचिककर्ता ने दावा किया है कि, गणेशोत्सव के आयोजन के लिए मुस्लिम जमात भी सहमत है। इसके बाद न्यायाधीश ने कोयंबटूर पुलिस को आदेश किया है कि, मुस्लिम जमात की लिखित सहमति का प्रतिज्ञा पत्र और याचिकाकर्ता का प्रतिज्ञा पत्र लिया जाए। इसके पश्चात ही गणेशोत्सव की अनुमति दी जाए।

नुपुर को भी मिली थी फटकार
एक राष्ट्रीय टेलीविजन चैनल में चर्चा के बीच मुस्लिम पक्षकार ने जब हिंदुओं पर आक्षेपार्ह्य टिप्पणी की तो तत्कालीन भाजपा प्रवक्ता नुपुर शर्मा ने उन्हें आईना दिखाया। नुपुर ने मुस्लिमों के पैगंबर के विवाह का उल्लेख किया। जिस पर देश में नुपुर के विरुद्ध पुलिस शिकायतें दर्ज करवाई गईं। जब नुपुर इन प्रकरणों को एक साथ क्लब करके दिल्ली में चलाने की याचिका सर्वोच्च न्यायालय में की तो, न्यायाधीश सूर्य कांत और न्यायाधीस जे.बी पारडीवाला ने तीखी टिप्पणी करते हुए, नुपुर को सार्वजनिक रूप से उसी टेलीविजन माध्यम पर सार्वजनिक रूप से माफी मांगने को कहते हुए फटकार लगाई।

Join Our WhatsApp Community
Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.